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रायपुर। श्री श्री शारदीय दुर्गोत्सव त्रिलोकी मां कालीबाड़ी समिति राजेंद्र नगर स्थित मंदिर परिसर में विजयदशमी के दिन 24 अक्टूबर को सिंदुर उत्सव का आयोजन किया गया। सुहागिनों ने सिंदूर खेलकर मां दुर्गा को नम आँखों से विदाई दी व अखण्ड सौभाग्यवती होने का वरदान मांगा। इसके साथ ही सभी भक्तों ने विश्व शांति की कामना भी की। श्री श्री शारदीय दुर्गोत्सव त्रिलोकी मां कालीबाड़ी समिति राजेंद्र नगर के सचिव विवेक बर्धन ने बताया कि मंदिर प्रांगण में बंगाली समाज के साथ ही अन्य समाज की महिलाओं ने पारंपरिक वेशभूषा में माँ दुर्गा को सिंदूर लगाकर पूजा-अर्चना की एवं एक-दूसरे को भी सिंदूर लगाया। महिलाओं ने पांरपरिक नृत्य और गीत गाकर माँ दुर्गा को विदाई दी। सिंदूर खेला को देवी सिंदूर वरन के नाम से भी जाना जाता है। सिंदूर खेल का आयोजन शाम पाँच बजे से किया गया। बर्धन ने बताया कि धार्मिक मान्यता के अनुसार मां दुर्गा जब मायके से विदा होकर ससुराल जाती है तो उनकी मांग सिंदुर से सजाई जाती है। इसके बाद सुहागिन स्त्रियां एक-दूसरे को सिंदुर लगाकर शुभकामनाएं देती हैं। मान्यता है कि सुहागिनों को सौभाग्यवती होने का वरदान प्राप्त होता है। सिंदूर खेला के साथ ही सभी भक्तों ने सर्वे भवन्तु सुखीनः की प्रार्थना के साथ विश्व शांति की कामना भी की।