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कलयुग 4 नवंबर 2022 : सनातन धर्म में 4 युगों के बारे में बारे में वर्णन किया गया है। इसमें पहला सत्य युग, दूसरा द्वापर युग, तीसरा त्रेता युग और चौथा कलयुग है। फिलहाल चौथा और अंतिम कलयुग चल रहा है।
कलयुग को चारों युगों में सबसे निकृष्ट माना गया है। इस युग में सत्य और धर्म की काफी हानि होगी और अनाचार चरम पर पहुंच जाएगा। इस दौर में मानवता की रक्षा के लिए भगवान विष्णु कल्कि अवतार के रूप में सामने आएंगे। आज आपको बताते हैं कि कलयुग (Kaliyuga)के कितने साल बीत चुके हैं और इस युग का अंत कब होगा।
पुराणों के मुताबिक पृथ्वी पर कलयुग का इतिहास 4 लाख 32 हजार वर्षों का होगा। कलयुग का आरंभ तब हुआ था, जब मंगल, बुध, गुरु, शुक्र और शनि ग्रह मेष राशि पर जीरो डिग्री पर हो गए थे। आधुनिक काल गणना के अनुसार, यह समय वर्ष 3102 ईसा पूर्व का था। ईसा मसीह के जन्म के बाद 2022 साल और बीत चुके हैं। यानी कि कलयुग शुरू हुए अब तक 5124 वर्ष गुजर चुके हैं। ऐसे में अगर 4 लाख 32 हजार वर्षों में से 5124 वर्ष घटाएं तो 4,26,876 वर्ष शेष बच जाते हैं। दूसरे शब्दों में आप कह सकते हैं कि कलयुग खत्म होने में अभी काफी लंबा समय बाकी है और तब तक दुनिया वालों को काफी कुछ देना पड़ सकता है।
महर्षि वेदव्यास पहले ही कर चुके हैं भविष्यवाणी
दुनिया का सबसे बड़ा महाकाव्य महाभारत लिखने वाले महर्षि वेदव्यास ने हजारों साल पहले ही कलयुग के बारे में अहम भविष्यवाणी कर दी थी। महर्षि वेदव्यास के मुताबिक, जैसे-जैसे कलयुग आगे बढ़ेगा, पृथ्वी पर अनाचार और अत्याचारों में बढ़ोतरी होती चली जाएगी। राजा लोग शूद्र तुल्य होते चले जाएंगे और ब्राह्मणों में संस्कारों का नाश हो जाएगा। राष्ट्र में अधीरता बढ़ेगी और वीरता-संपन्नता खत्म हो जाएगी। शिष्य अपने गुरुओं का पालन नहीं करेंगे। विवाह को संस्कार नहीं माना जाएगा। लोग वेदों का पालन नहीं करेंगे। हत्या-लूट की घटनाएं बढ़ेंगी। वर्ण और आश्रम की पद्धतियां खत्म हो जाएंगी।
भगवान विष्णु लेंगे कल्कि अवतार
जब दुनिया में अत्याचार-अनाचार चरम पर पहुंच जाएंगे और जनता त्राहि-त्राहि कर रही होगी, तब मानवता की रक्षा के लिए भगवान विष्णु एक बार फिर पृथ्वी पर अवतार लेंगे। वे कलयुग में कल्कि अवतार के रूप में सामने आएंगे और सफेद घोड़े पर सवार होकर असुर रूप धारी बुरे लोगों का संहार करके दुनिया से भय-आतंक को खत्म करेंगे। जिससे दुनिया में फिर से सत्य युग की स्थापना होगी। हालांकि भगवान विष्णु के इस अवतार में अभी कई हजार वर्षों का समय बाकी है। इसके बावजूद आमजन में अभी से कल्कि अवतार की चर्चा, उनकी पूजा और आरती होती रहती है।