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रायपुर 10 नवम्बर 2022: विज्ञान का हमारे जीवन में बहुत महत्व है. हम आसपास जितनी चीजें देखते हैं सबके पीछे कुछ ना कुछ साइंस जरूर होती है। क्या आपने कभी इस बात पर ध्यान दिया है कि कुआं गोल ही क्यों होता है? चौकोर, त्रिकोण या षट्कोण आकार में क्यों नहीं होता है? इसके पीछे साइंस है।
प्रत्येक वर्ष 10 नवंबर को दुनिया के कई देशों में शांति और विकास के लिए “विश्व विज्ञान दिवस” मनाया जाता है। वर्ष 1999 में अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान परिषद और यूनेस्को ने विज्ञान के लाभों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए इसकी स्थापना की थी। विज्ञान के प्रति लोगों की जिज्ञासा व जागरुकता बढ़ना जरूरी है।
प्रदेश के साइंस पार्क, साइंस सेंटर बढ़ाते हैं रूचि
छत्तीसगढ़ में खेल-खेल में बच्चों और आम लोगों की विज्ञान में रूचि बढ़ाने पायलेट प्रोजेक्ट के तहत साइंस पार्क एवं साइंस सेंटरों की स्थापना की जा रही है। यहां छात्र-छात्राएं साइंस विषय के बारे में आसानी से समझ पाते हैं। वहीं इस साइंस पार्क को लेकर स्कूली बच्चों में काफी उत्साह देखने को मिला। रायपुर में 2, दुर्ग, नारायणपुर, धमतरी, जांजगीर-चांपा, बलौदाबाजार, रायगढ़, महासमुंद, कोण्डागांव एवं बिलासपुर में एक-एक साईंस पार्क स्थापित है।
जिला-दुर्ग के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पाउवारा, शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मर्रा, जिला-दुर्ग में आउटडोर-इंनडोर विज्ञान पार्क की स्थापना का कार्य प्रगति पर है। अत्याधुकनिक उपकरणों से सुसज्जित बिलासपुर और भिलाई का तारामंडल प्रदेश के बच्चों को वैज्ञानिक सोच की ओर अग्रसर कर रहा है।
गोल कुआं होने की क्या है वजह?
जब हम कोई तरल पदार्थ स्टोर करते हैं तो वो वही आकार ले लेता है, जिसमें वो स्टोर किया जाता है। तरल पदार्थ जब किसी बर्तन में रखा जाता है तो वो उसकी दीवारों पर प्रेशर डालता है। अगर कुआं चौकोर आकार में बनाया जाएगा तो उसके अंदर जमा पानी कुएं की दीवार के कोनों पर सबसे ज्यादा प्रेशर डालेगा। ऐसे में कुएं की उम्र कम हो जाएगी और कुएं के टूटकर गिरने का खतरा भी बना रहेगा।
यही वजह है कि कुआं गोल आकार में बनाया जाता है, जिससे उसके अंदर के पानी का प्रेशर कुएं की दीवार पर हर जगह समान हो। कुआं गोल होने के पीछे एक और वजह भी है। गोल कुएं की मिट्टी ज्यादा दिन तक नहीं धंसती है, क्योंकि गोल कुएं की दीवार पर हर तरफ समान प्रेशर होता है।