भेंट-मुलाकात में ग्रामीणों ने उठाई तेंदूपत्ता भुगतान की समस्या

Share this

अंबागढ़ चौकी 17 नवम्बर 2022: मुख्यमंत्री के भेंट-मुलाकात कार्यक्रम में तेंदूपत्ता भुगतान के संबंध में शिकायत आई। जिस पर 8 दिन के भीतर प्रत्येक संग्राहकों से पूरी जानकारी ली जाएगी और जांच होगी। एक मुद्दा पानी का था, उस पर अधिकारियों से जानकारी ली है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस बात की जानकारी पत्रकारों से चर्चा में कही।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बताया कि खुज्जी विधानसभा के भेंट-मुलाकात कार्यक्रम में छुरिया और चिल्हाटी पहुंचे थे। पहले ही भेंट-मुलाकात में हमने अधिकारियों को कहा था कि जमीन पर अच्छा काम होना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम लगातार रूरल इंडस्ट्रियल पार्क आदि योजनाओं के माध्यम से ग्रामीण उद्योग को मजबूत कर रहे हैं। इस साल धान खरीदी 1 नवंबर से शुरू हो गई है। इस बार अरहर, उडद और मूंग की भी खरीदी की जाएगी। मुख्यमंत्री ने पैरादान की अपील करते हुए कहा कि धरती के लिये और पशुधन के लिए यह बहुत अच्छा है।

एक प्रश्न के उत्तर में मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला बनने से तेजी से यहां जिला स्तरीय अधोसंरचना बनती है। सभी सुविधाएं यहां शीघ्र मिलेंगी। आरक्षण के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि संविधान में जो आरक्षण संबंधी प्रावधान है, वो सबको मिलेंगे। वहीं शिवनाथ नदी के संरक्षण पर एक प्रश्न पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा मानना है कि नदी बारहमासी हो, इसके लिए उनके पुनर्जीवन पर काम हो रहा है। नदी का प्रवाह बना रहना चाहिए। नरवा योजना से तेजी से रिचार्ज हो रहा है।

कस्बों में भी बाइक शोरूम खुल गए

इकोसिस्टम पूरी तरह से ठीक होगा.मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि जनजातियों के लिए लाई गई योजनाओं से लोगों को संतोष मिला है। अब बिल्कुल छोटे कस्बों में भी बाइक शोरूम खुल गए। बाइक है तो सड़क चाहिए। अब सड़क का विरोध नहीं होता। उन्होंने कहा कि लोगों का नजरिया बदला है। लोगों को रोजगार मिला है। दंतेवाड़ा में डैनेक्स की फैक्ट्री हैं, 1500 लोग काम कर रहे हैं।

उन्होने कहा कि कटेकल्याण में मुझे बताया गया कि लोग महुवा नेट में संकलित करती हैं। वो इंग्लैंड जाना चाहती हैं कि वहां के लोग इसका क्या करते हैं। उनका आत्मविश्वास का स्तर कितना बढ़िया है। लोग आत्मानंद स्कूल मांगते हैं। बैंक मांगते हैं। योजनाएं इतनी हैं कि डीबीटी से अलग-अलग योजनाओं से पैसा आ जाता है, और कई बार लोग चकित भी हो जाते हैं। इससे नक्सलवाद कमजोर हुआ है।