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बिलासपुर 2 दिसंबर 2022: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में महात्मा गांधी की वेशभूषा में शराब दुकान हटाने की मांग को लेकर भूख हड़ताल कर रहे समाजसेवी युवक को मनाने के लिए आबकारी विभाग के अफसर गुरुवार की रात धरनास्थल पहुंचे। इस दौरान उन्होंने तीन महीने के भीतर शराब दुकान हटाने का भरोसा दिलाया। लेकिन, खुद की चिता बनाकर हड़ताल पर बैठा युवक अड़ा रहा। उन्होंने कहा कि शराब दुकान हटा दीजिए नहीं तो शुक्रवार को मुखाग्नि देकर वह आत्मदाह कर लेगा।
नगर निगम के सरकंडा थाना क्षेत्र के वार्ड क्रमांक 63-65 अरविंद नगर बंधवापारा में शराब दुकान संचालित है, जहां शराब दुकान है, वहीं पर स्कूल है। उसी जगह पर दिन और रात शराबियों के साथ ही असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लगा रहता है। इसके चलते स्कूली बच्चे और उनके पैरेंट्स के साथ ही मोहल्ले के लोग परेशान रहते हैं। मोहल्ले में शराब दुकान की वजह से मारपीट, चाकूबाजी के साथ ही छेड़खानी जैसी घटनाएं होती रहती है। शराब दुकान हटाने के लिए मोहल्ले के लोगों ने कलेक्टर से मांग की थी, कोई कार्रवाई नहीं होने पर धरना-प्रदर्शन किया जा रहा है।
गांधी बने समाजसेवी ने चिता बनाकर शुरू की भूख हड़ताल
लोगों के इस आंदोलन को शहर में गांधी के रूप में पहचान बनाने वाले सामाजिक कार्यकर्ता संजय आयल सिंघानी ने समर्थन दिया है, और भूख हड़ताल कर रहे हैं। उन्होंने धरनास्थल पर खुद की चिता बनाई है और उसमें लेटकर प्रदर्शन कर रहे हैं। उनके साथ महिलाएं भी क्रमिक भूख हड़ताल कर रही हैं। संजय आयल सिंघानी ने चेतावनी दी है कि दो दिसंबर तक शराब दुकान हटाने के संबंध में फैसला नहीं लिया गया तो वह खुद अपनी चिता को आग लगाएगा और आत्मदाह कर लेगा।
नशेड़ी युवक ने किया हमला, तब खुली आबकारी विभाग की नींद
गुरुवार की सुबह संजय आयल सिंघानी पर बाइक सवार नशेड़ी युवक ने हमला कर दिया। वहां मौजूद पुलिसकर्मी ने बीच-बचाव किया और हमलावर युवक को पकड़ लिया। भीड़ उसकी पिटाई करती, इससे पहले ही हमलावर युवक को एक दुकान में बंद कर दिया गया। इस घटना के बाद मोहल्ले की महिलाएं आक्रोशित हो गईं और पुलिस के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दीं। इधर, गुरुवार की रात आबकारी विभाग के अफसरों की टीम धरनास्थल पहुंची और मोहल्लेवालों के साथ ही समाजसेवी युवक को हड़ताल खत्म करने के लिए समझाइश देते रहे। उन्होंने अफसरों से दो टूक कहा कि शराब दुकान हटने के बाद ही हड़ताल खत्म किया जाएगा।
विधायक पांडेय बोले- शराब दुकान हटाने कलेक्टर से हुई है बात
इधर, शहर विधयाक शैलेष पांडेय ने कहा कि मोहल्लेवालों की मांग पर उन्होंने कलेक्टर सौरभ कुमार से शराब दुकान हटाने को लेकर चर्चा की थी। कलेक्टर ने उन्हें शराब दुकान हटवाने के लिए भरोसा दिलाया है। विधायक पांडेय ने कहा कि मोहल्ले वासियों की मांगे जायज है और उनकी दिक्कतों को देखकर ही उन्होंने शराब दुकान हटाने के लिए कहा है।
गुरुवार को हुआ था हमला
बिलासपुर में महात्मा गांधी की वेशभूषा में शराब दुकान हटाने की मांग को लेकर भूख हड़ताल कर रहे युवक पर हमला कर दिया गया था, गुरुवार की सुबह अचानक बाइक सवार युवक आया और उन पर बेल्ट से हमला कर दिया। उसे देखकर मौजूद आरक्षक ने बीच-बचाव किया और युवक को पकड़ लिया। इससे आक्रोशित मोहल्ले वासियों ने युवक को घेर लिया और उसकी पिटाई शुरू कर दी। तब युवक को बचाकर हिरासत में लिया गया था।
7 दिन से भूख हड़ताल, बिगड़ने लगी तबीयत
इस आंदोलन को शहर में गांधी के रूप में पहचान बनाने वाले सामाजिक कार्यकर्ता संजय आयल सिंघानी ने समर्थन दिया है, और भूख हड़ताल कर रहे हैं। उनके साथ महिलाएं भी क्रमिक भूख हड़ताल कर रही हैं। सिंघानी महात्मा गांधी के वेश में अपनी चिता बनाकर प्रदर्शन कर रहे हैं। इसके चलते उनकी तबीयत भी बिगड़ने लगी है। डॉक्टरों की टीम ने उनकी जांच की। तब पता चला कि लगातार उनका ब्लड प्रेशर और सुगर लेवल डाउन हो रहा है। हालांकि, संजय आयल सिंघानी ने अस्पताल जाने से इनकार कर दिया है।
बिलासपुर से दिल्ली तक 1026 किमी कर चुके हैं पदयात्रा
छत्तीसगढ़ में शराबबंदी की मांग को लेकर बिलासपुर के गांधी के रूप में पहचान बनाने वाले संजय आयल सिंघानी राहुल गांधी से मुलाकात करने दिल्ली भी गए थे। तब उन्होंने 1026 किमी पदयात्रा करते हुए दिल्ली की यात्रा पूरी की थी। उन्हें राहुल गांधी से मिलने का मौका नहीं दिया गया, तब उन्होंने इंडिया गेट में धरना दिया। फिर 24 अकबर रोड स्थित कांग्रेस मुख्यालय के सामने भी धरना दिया। हालांकि, इसके बाद भी अब तक उनकी राहुल गांधी से मुलाकात नहीं हो पाई।
शराबबंदी को लेकर कर रहे हैं सत्याग्रह
तिफरा के यदुनंदनगर निवासी संजय आयल सिंघानी कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से छत्तीसगढ़ में शराबबंदी की मांग कर रहे हैं। इसके लिए उन्होंने महात्मा गांधी का रूप धारण किया और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सहित अन्य मंत्रियों से मुलाकात की। अपनी इस मांग को लेकर उन्होंने सत्याग्रह आंदोलन भी शुरू किया और नेहरू चौक में तीन महीने तक धरना दिया। इसी कड़ी में उन्होंने 1026 किमी की पदयात्रा भी की थी।