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रायपुर. शहर की डॉ. सरिता चौधरी की किताब ‘जैन धर्म की विशिष्ट शब्दावली’ का विमोचन रविवार को हुआ. टैगोर नगर स्थित पटवा भवन में आयोजित कार्यक्रम में प्रवीण ऋषि जी मसा और मधुर गायक तीर्थेश मुनि जी मसा की निश्रा एवम सानिध्य में किताब का लोकार्पण किया गया. डॉ. सरिता चौधरी ने किताब में जैन धर्म के शब्द जो प्राकृत भाषा में होते है उन्हें सामान्य अर्थ, विभिन्न ग्रंथों के आधार पर अर्थ और विशिष्ट अर्थों का वर्णन किया है.560 पेज की इस किताब में 500 से ज्यादा जैन शब्द है. इसमें उन्होंने जैनेंद्र सिंध्दात कोष, निरूक्त कोष, अभिधान राजेंद्र कोष जैसे ग्रंथो के आधार पर भी अर्थ बताए है. उन्होंने बताया कि पिछले दो साल से किताब लिखने कार्य कर रही थी. यह किताब रिसर्चर, स्वाध्याय करने वालों तथा आम लोगों के लिए भी उपयोगी है. उन्होंने बताया कि यह एक संदर्भ ग्रंथ है, जिसमें जैन धर्म के प्रचलित-अप्रचलित सभी शब्दों का वर्गीकरण, अध्ययन और विश्लेषण किया गया है.
इसमें शब्दों को परिवारिक, सामाजिक आयाम, धार्मिक आयाम, दार्शनिक एवं नैतिक आयाम में बांट कर किया गया है. इसके साथ ही इन आयामों से संबंधित लोकोक्तियां, मुहावरें, सूक्तियां, प्रतीकों का वर्णन किताब में किया गया है. अभी जीतो जैन इंटरनेशनल ट्रेड ऑर्गनाइजेशन छत्तीसगढ़ की लेडिस विंग की आप चेयरपर्सन हैं.2000 में की थी पीएचडीउन्होंने बताया कि 2000 में जैन धर्म की विशिष्ट शब्दावली का समाजभाषिक एवं भाषाशास्त्रीय अध्ययन विषय पर रिसर्च किया था. उसके बाद उन्होंने एक किताब प्रकाशित की थी. उसके बाद जैन स्वाद का खजाना तथा मेरी मनोकामना स्वस्थ परिवार पुस्तक प्रकाशित की, अभी फिर से एक साल तक रिसर्च करने के बाद किताब प्रकाशित की है.
इसमें उन्होंने शब्दों को अच्छे से समझाया है.