छत्तीसगढ़: अतिशेष शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण को लेकर शिक्षा विभाग का स्पष्ट निर्देश, मिडिल स्कूल में विषयवार समायोजन अनिवार्य

रायपुर। आगामी शैक्षणिक सत्र की तैयारी के तहत छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा विभाग ने राज्यभर के कलेक्टरों और जिला शिक्षा अधिकारियों (DEO) को अतिशेष शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण को लेकर स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए हैं। अवर सचिव द्वारा जारी पत्र में स्पष्ट किया गया है कि इस बार की प्रक्रिया में मिडिल स्कूलों में शिक्षकों के विषय का विशेष ध्यान रखा जाएगा।
पत्र के अनुसार, युक्तियुक्तकरण के दौरान यदि किसी विद्यालय में पहले से ही विज्ञान, गणित या किसी अन्य विषय का शिक्षक पदस्थ है, तो उसी विषय के अन्य शिक्षक को उस विद्यालय में नहीं भेजा जाएगा। इससे न केवल अतिशेष शिक्षकों की संख्या में कमी आएगी, बल्कि विद्यालयों में विषय-आधारित संतुलन भी सुनिश्चित होगा।
अवर सचिव ने अपने पत्र में यह भी स्पष्ट किया है कि पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में विषयवार पदांकन एवं स्थानांतरण की प्रक्रिया अब तक व्यवस्थित नहीं रही है, जिससे स्कूलों में शिक्षकों का असमान वितरण हो रहा है। विभाग ने शिक्षा के अधिकार अधिनियम की अनुसूची में उल्लिखित छात्र संख्या के आधार पर ही अतिशेष शिक्षकों की गणना करने के निर्देश दिए हैं।
विभाग द्वारा 2 अगस्त 2024 को जारी पत्र का हवाला देते हुए कहा गया है कि युक्तियुक्तकरण के लिए पूर्व निर्धारित मापदंडों एवं दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन किया जाए। अवर सचिव ने यह भी दोहराया कि विषय की बाध्यता का उद्देश्य सिर्फ गुणवत्तापूर्ण शिक्षण व्यवस्था सुनिश्चित करना है, न कि किसी व्यक्तिगत कारण से किसी शिक्षक को हटाना या स्थानांतरित करना।
इस कदम से यह स्पष्ट हो गया है कि शिक्षा विभाग अब स्कूलों की आवश्यकता और संसाधनों के अनुरूप व्यवस्थित और पारदर्शी युक्तियुक्तकरण सुनिश्चित करने की दिशा में गंभीर है।