छत्तीसगढ़ सरकार नक्सल वार्ता को तैयार, लेकिन हिंसा पर कोई समझौता नहीं ; वक़्फ़ संशोधन बिल से पारदर्शिता सुनिश्चित होगी: उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा

रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार नक्सल समस्या के स्थायी समाधान के लिए वार्ता को लेकर गंभीर है, लेकिन किसी भी तरह की हिंसा और संविधान विरोधी गतिविधियों पर समझौते की कोई संभावना नहीं है। वहीं, वक़्फ़ संशोधन बिल को लेकर उपमुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि यह पारदर्शिता और न्याय सुनिश्चित करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है।
हथियार छोड़ें नक्सली, तभी संभव होगी सार्थक वार्ता
उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने स्पष्ट किया कि यदि नक्सली बातचीत चाहते हैं, तो उन्हें बिना किसी पूर्व शर्त के वार्ता प्रस्ताव के साथ सामने आना होगा। सरकार संविधान के दायरे में रहकर बातचीत के लिए तैयार है, लेकिन समानांतर शासन स्थापित करने या हिंसा जारी रखने की किसी भी मंशा को स्वीकार नहीं किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि पिछले डेढ़ वर्षों में 40 गांवों में पहली बार तिरंगा फहराया गया, जहां पहले नक्सलियों का प्रभाव था। सरकार का लक्ष्य है कि हर गांव में संविधान का पालन हो और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास को बढ़ावा मिले।
सरकार ने आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों के लिए प्रभावी पुनर्वास नीति लागू की है। आत्मसमर्पण करने वालों को सुरक्षा, रोजगार और पुनर्वास का लाभ दिया जाएगा, जिससे वे समाज की मुख्यधारा में लौट सकें।
वक़्फ़ संपत्तियों में पारदर्शिता लाएगा संशोधन बिल
वहीं, उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने वक़्फ़ संशोधन बिल पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह कानून वक़्फ़ संपत्तियों के दुरुपयोग को रोकने और न्यायिक पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है। इस संशोधन से अब वक़्फ़ ट्रिब्यूनल के फैसलों को न्यायालय में चुनौती दी जा सकेगी, जिससे न्यायिक प्रक्रिया अधिक प्रभावी और निष्पक्ष होगी।
उन्होंने कहा कि देशभर में वक़्फ़ संपत्तियों पर अनधिकृत कब्जे और अनियमितताओं की शिकायतें सामने आई हैं। सरकार अब इन मामलों की उच्च स्तरीय जांच कराएगी और कानूनी कार्रवाई करेगी, ताकि वक़्फ़ संपत्तियों का सही उपयोग गरीब और जरूरतमंद मुस्लिम समुदाय के हित में हो सके।
उन्होंने विपक्ष के विरोध को अनुचित बताते हुए कहा कि यह बिल किसी समुदाय के खिलाफ नहीं, बल्कि भ्रष्टाचार और अनियमितताओं पर रोक लगाने के लिए लाया गया है। सरकार की प्राथमिकता पारदर्शिता और न्याय सुनिश्चित करना है, ताकि धार्मिक संपत्तियों का सही उपयोग हो सके।
उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने कहा कि सरकार नक्सल समस्या के समाधान के साथ-साथ सभी संवैधानिक और प्रशासनिक सुधारों को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है। वार्ता के दरवाजे खुले हैं, लेकिन हिंसा को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए हर आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।