बलौदा बाजार में खंभे से बांधकर युवक को बेल्ट और डंडों से पिटा – आरोपी फरार….
वजह? माइनिंग अफसरों को मुखबिरी का शक

बलौदा बाजार गिधौरी थाना क्षेत्र के ग्राम कुम्हारी निवासी परमेश्वर साहू (25 वर्ष) के साथ हुई बर्बरता ने पूरे क्षेत्र में सनसनी फैला दी है। 12 जून को उसे खंभे से बांधकर बेल्ट और डंडों से बुरी तरह पीटा गया। इस मारपीट के पीछे खनिज विभाग को मुखबिरी करने का शक बताया जा रहा है, लेकिन अब पुलिस विभाग पर मामले को दबाने और असली वजह से ध्यान भटकाने के आरोप लग रहे हैं।
क्या है पूरा मामला:
परमेश्वर साहू खपरीडीह स्थित एक क्रेशर खदान से गिट्टी खरीदने गया था। लौटते वक्त सुबह करीब 11:00 बजे यशवंत पटेल और केवल केंवट ने उसे रोका और आरोप लगाया कि वह माइनिंग अधिकारियों से मिलकर उनके ट्रैक्टरों की जानकारी देता है, जिससे वे जब्त हो जाते हैं। इसके बाद दोनों ने उसे गुड़ीचौक पर एक खंभे से बांध दिया और जान से मारने की धमकी देते हुए बेरहमी से पीटा।
परमेश्वर ने अपने भाई अनिल साहू को फोन कर मदद मांगी, लेकिन जब अनिल और गांव के पंचमदास वहां पहुंचे, तब तक दिलहरण वर्मा, दिग्विजय वैष्णव और आनंद दास भी मौके पर पहुंच चुके थे और उन्होंने भी मिलकर परमेश्वर को पीटा। पीड़ित को सिर, पीठ, हाथ और पैरों में गंभीर चोटें आई हैं।
मुखबिरी का शक या प्रेम प्रसंग?
FIR में साफ तौर पर उल्लेख है कि पीड़ित को खनिज विभाग को जानकारी देने के शक में मारा गया। लेकिन अब पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी – अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ASP) – इस पूरे मामले को प्रेम प्रसंग से जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। स्थानीय लोग और पीड़ित परिवार इसे एक सुनियोजित लीपा-पोती बता रहे हैं, जिससे असली दोषियों को बचाया जा सके।
थाना प्रभारी ने माना, आपसी रंजिश का मामला
गिधौरी थाना प्रभारी धीरेंद्र दुबे ने बताया कि यह ड्राइवरों के बीच आपसी रंजिश का मामला है। आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है, लेकिन अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। सभी आरोपी फरार बताए जा रहे हैं।
परिजन और ग्रामीणों की मांग – निष्पक्ष जांच हो
परमेश्वर साहू के परिवार और ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि खनिज माफियाओं से सांठगांठ कर पुलिस मामले को कमजोर बना रही है। उनकी मांग है कि मामले की निष्पक्ष जांच हो और सभी आरोपियों की तुरंत गिरफ्तारी की जाए।
बड़ा सवाल – क्या पुलिस असल सच्चाई छुपा रही है?
जब FIR में खुद खनिज विभाग की मुखबिरी को लेकर मामला दर्ज है, तो फिर वरिष्ठ अधिकारी प्रेम प्रसंग की थ्योरी क्यों दे रहे हैं? क्या यह दबाव में दिया गया बयान है? क्या माफियाओं को बचाने की कोशिश की जा रही है? यह मामले की गंभीरता को और भी बढ़ा रहा है।
यह मामला प्रशासनिक निष्क्रियता और ग्रामीण क्षेत्र में कानून व्यवस्था की स्थिति पर भी गंभीर सवाल खड़ा करता है।