जबलपुर में विवाहिता की संदिग्ध मौत, भाटापारा की बेटी बनी दहेज दानवों का शिकार, डेढ़ साल की बेटी भी लापता
दहेज के लिए धक्का या हादसा? जबलपुर में दूसरी मंजिल से गिरकर विवाहिता की मौत, मायकेवालों ने लगाया हत्या का आरोप

जबलपुर/भाटापारा
छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले की एक विवाहिता की जबलपुर में संदिग्ध हालातों में दूसरी मंजिल से गिरकर मौत हो गई। मृतका के परिजनों ने इसे आत्महत्या नहीं, बल्कि दहेज हत्या करार दिया है। मृतका की डेढ़ साल की बेटी भी लापता है, जिससे मामला और भी रहस्यमय बन गया है।
मृतका की पहचान अनमोल आहूजा (25 वर्ष) के रूप में हुई है, जो भाटापारा की रहने वाली थी और उसकी शादी तीन साल पहले जबलपुर निवासी विपुल आहूजा से हुई थी।
अंतिम कॉल से हुआ खुलासा
गुरुवार रात लगभग 12 बजे अनमोल ने अपने पिता मुरली खत्री को कॉल कर बताया कि उसका पति शराब के नशे में उसे बुरी तरह पीट रहा है और उसने तत्काल जबलपुर आने को कहा। पिता ने सुबह आने की बात कही। लेकिन करीब 1:30 बजे ससुराल पक्ष के एक सदस्य का फोन आया कि अनमोल छत से गिर गई है और अस्पताल में भर्ती है।
अस्पताल पहुंचते ही मिली मौत की खबर
शुक्रवार सुबह जब परिजन रायपुर से जबलपुर पहुंचे, तो अनमोल एक निजी अस्पताल के आईसीयू में गंभीर अवस्था में पड़ी थी। डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। शरीर पर गहरे चोटों के निशान थे, जो किसी हादसे से अधिक संभावित हिंसा की ओर इशारा कर रहे थे।
दहेज प्रताड़ना के लगातार आरोप
परिजनों ने बताया कि अनमोल को शादी के बाद से ही दहेज को लेकर प्रताड़ित किया जा रहा था। दो बार उसके हाथ तक तोड़े गए। कई बार सामाजिक स्तर पर समझौते की कोशिशें हुईं, लेकिन प्रताड़ना नहीं रुकी।
अनमोल के भाई सुनील खत्री ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा:
यह आत्महत्या नहीं, साफ तौर पर सुनियोजित हत्या है। हमें बुलाने से पहले ही उसे खत्म कर दिया गया।
डेढ़ साल की मासूम बेटी भी लापता
मामले को और गंभीर बनाता है यह तथ्य कि अनमोल की डेढ़ साल की बेटी भी गायब है। परिजनों का आरोप है कि ससुराल पक्ष बच्ची को कहीं छिपा कर फरार हो गया है।
पुलिस जांच शुरू, ससुराल पक्ष फरार
एएसपी सूर्यकांत शर्मा ने बताया कि मामले की जांच सीएसपी गढ़ा को सौंपी गई है। पीएम रिपोर्ट के आधार पर मौत के कारण स्पष्ट होंगे। फिलहाल, परिजनों की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया गया है और सभी संभावित पहलुओं पर जांच की जा रही है।
समाज के लिए सवाल
यह मामला सिर्फ एक विवाहिता की मौत नहीं, बल्कि दहेज जैसी सामाजिक कुरीति की पुनः एक दर्दनाक बानगी है। सवाल यह है कि –
“कब तक बेटियां इसी तरह दहेज के लालच में अपनी जान गंवाती रहेंगी?”