छत्तीसगढ़

बेरोजगारी भत्ता योजना: मुख्यमंत्री ने 66 हजार 265 युवाओं के खाते में अंतरित की 16 करोड़ रूपए की राशि

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रायपुर:- मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रविवार को मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में बेरोजगारी भत्ता योजना के पात्र पाए गए 66 हजार 256 हितग्राहियों के खाते में 16 करोड़ रूपए की राशि अंतरित की। इन हितग्राहियों के खाते में 25 सौ रूपए अंतरित किए गए, जो प्रतिमाह दिए जाएंगे।

मुख्यमंत्री ने वर्चुअल कार्यक्रम में युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि भत्ते की राशि आप सभी की उच्च शिक्षा में, प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारियों में तथा प्रशिक्षण के दौरान उपयोगी होगी। आप सभी के रोजगार की उचित व्यवस्था हो, इसके लिए भी हमने कार्य योजना बनाई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आप सभी बहुत स्वाभिमानी है, चूंकि प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं अथवा स्वरोजगार के लिए अपने को तैयार कर रहे हैं। इस अवधि में जरूरी खर्चों के लिए आप को इस मासिक भत्ते से सहयोग मिल पाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा जैसा कि युवाओं से चर्चा की सभी के मन में भविष्य को लेकर बहुत से सपने हैं। उन सपनों को पूरा करने के लिए उन्हें थोड़ा वक्त चाहिए। वे अपने परिवार का बोझ बांटना चाहते है। अब वे न केवल अपनी छोटी-छोटी जरूरतों को पूरा कर पाएंगे। साथ ही उचित रोजगार के लिए अपने को तैयार भी करेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बेरोजगारी भत्ते के लिए आवेदन बेहद सरल है, इसके लिए केवल ऑनलाईन आवेदन करना होता है। डीबीटी से राशि चली जाती है। एक महीने में हमने 16 करोड़ रुपये से अधिक की राशि अंतरित कर दी है। पहले इसके पात्रता नियम काफी कठिन थे, अब यह सरल हैं। ढाई लाख रुपये तक के आय वाले इसके पात्र हैं। मैं आज इस राशि का वितरण कर रहा हूं लेकिन सच्ची खुशी तब होगी जब आपको रोजगार मिलेगा। इसके लिए भी 6 महीने की कार्य योजना बनाई है। आपके प्रशिक्षण के लिए भी पूरी व्यवस्था है। भर्तियों की हमारी तैयारी पूरी है।

मुख्यमंत्री ने इस कार्य के लिए कौशल विकास, तकनीकी शिक्षा एवं रोजगार विभाग की प्रशंसा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि 24 मार्च को बजट पारित हुआ और 1 अप्रैल से ऑनलाईन आवेदन लेना शुरू कर दिया। 67 हजार लोगों को आज राशि अंतरित कर दी है। एक महीने के भीतर इतना बड़ा काम करना बहुत कठिन था। रिकॉर्ड समय में काम कैसे हो सकता है। यह इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। मैं इससे जुड़े मंत्री उमेश पटेल, प्रमुख सचिव आलोक शुक्ला और उनकी पूरी टीम को बधाई देता हूँ। यह बड़ा टास्क था जो पूरा हुआ। मैंने उन्हें समय-सीमा दी थी और उन्होंने इसे पूरे मनोयोग से कर दिखाया।

इस मौके पर कौशल विकास, तकनीकी शिक्षा एवं रोजगार मंत्री उमेश पटेल, स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव, नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया, खाद्य एवं संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के सलाहकार प्रदीप शर्मा, प्रमुख सचिव कौशल विकास, तकनीकी शिक्षा एवं रोजगार विभाग डॉ. आलोक शुक्ला, मुख्यमंत्री के सचिव अंकित आनंद, विभाग के संचालक अवनीश शरण एवं अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे। भी जुड़े रहे।

प्रत्यक्ष रूप से तथा वर्चुअल रूप से जुड़े हितग्राहियों से की चर्चा- मुख्यमंत्री ने इस मौके पर प्रत्यक्ष रूप से तथा वर्चुअल रूप से प्रदेशभर के बेरोजगारी भत्ता से जुड़े हितग्राहियों से चर्चा की। सरगुजा के हितेश ने बताया कि इस राशि से आगे पढ़ाई में मदद मिलेगी। मेघा खांडेकर ने बताया कि मम्मी हाउसवाइफ हैं। मुझे इन पैसों से अपने सपनों को पूरा करने में मदद मिलेगी। हम आपके द्वारा दिये गए पैसों का बेहतर उपयोग करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि आप सभी को रोजगार दिलाने की दिशा में काम कर रहे हैं। रायगढ़ से जुड़ी ईश्वरी साहू ने कहा कि मैं पीजीडीसीए की पढ़ाई कर रही हूं। मम्मी सिलाई करती हैं। पिता प्राइवेट स्कूल में टीचर हैं। वेतन काफी कम है। मुझे आगे की पढ़ाई के लिए काफी राहत मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने बेरोजगारी भत्ते की पात्रता को काफी शिथिल किया, इससे बड़ी संख्या में युवाओं को लाभ मिला है।

कोरिया की कोमल ने बताया कि मैं एमएससी कर रही हूं। आगे शिक्षिका बनना चाहती हूं। कोमल ने बताया कि अपनी पढ़ाई के लिए इस राशि का उपयोग करूंगी। दुर्ग की ऐश्वर्या साहू ने बताया कि उसने बीएड किया है। अब आगे की पढ़ाई करूंगी। रोजगार के लिए बहुत से फॉर्म आते हैं उन्हें भरूँगी। ऐश्वर्या ने मुख्यमंत्री को अपना एसएमएस भी दिखाया जिसमें भत्ते की राशि डीबीटी से आई थी। मुख्यमंत्री ने खुशी जताई। सरगुजा की प्रियंका पैकरा ने बताया कि मैं इस पैसे से प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करूंगी। आपको वादा करती हूं कि डिप्टी कलेक्टर, कलेक्टर बनूंगी। बिलासपुर से आये वैभव ने बताया कि पूरे देश भर में परीक्षाओं के लिए फॉर्म भरता हूँ। आपने तो व्यापम और पीएससी के लिए फॉर्म का शुल्क मुफ्त कर दिया है पर शेष राज्यों में यह अब भी है।

महासमुंद से ऋषभ चंद्राकर ने बताया कि कोचिंग करना है तो फीस देना है। अब हम लोगों की फीस की व्यवस्था हो जाएंगी। मितांजली ने बताया कि आपके पैसे से ट्यूशन क्लास चलाउंगी और लोगों को मुफ्त में गणित पढ़ाऊंगी। रायपुर की संजना तिवारी ने कहा कि विद्यार्थी अपनी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए घर पर निर्भर रहते हैं। अब इस भत्ते से हम घर वालों पर निर्भर नहीं रहे और पूरे मनोयोग से तैयारी करूंगी और डिप्टी कलेक्टर बनूंगी। गजानंद ने बताया कि मेरे मम्मी-पापा मजदूर हैं। मैं परीक्षा की तैयारी करना चाहता हूं। खैरागढ़ के एक युवक ने बताया कि अपने गांव में मैं इकलौता बीएड हूँ। अब भत्ता मिलेगा तो शिक्षक भर्ती के लिए तैयारी करूंगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसका उद्देश्य यह है कि आप सभी को रोजगार के लिए तैयारी करने मौका मिले, प्रशिक्षण मिले। अब आप अपने सपनों को पूरा कर सकेंगे।