पुलिस की बड़ी कार्रवाई: 11 लाख रुपये की साइबर ठगी में दिल्ली से तीन आरोपी गिरफ्तार, सीए भी शामिल

रायपुर। रायपुर पुलिस ने साइबर ठगी के 11 लाख रुपये को थाईलैंड और चीन भेजने के आरोप में दिल्ली से तीन मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में एक चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) और दो अन्य लोग शामिल हैं। इस कार्रवाई को पुलिस ने ऑपरेशन “साइबर शील्ड” के तहत अंजाम दिया और आरोपियों से फर्जी दस्तावेज, कंप्यूटर, स्कैनर, प्रिंटर और अन्य आपत्तिजनक सामग्री जब्त की है।
साइबर ठगी का मामला:
ठगी की शुरुआत तब हुई जब रायपुर निवासी डॉ. प्रकाश गुप्ता ने थाना आमनाका में शिकायत दर्ज कराई कि उन्हें शेयर ट्रेडिंग में मुनाफे का झांसा देकर 11 लाख रुपये की ठगी की गई थी। शिकायत के आधार पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच रेंज साइबर थाना को सौंप दी। पुलिस की जांच में सामने आया कि आरोपियों ने फर्जी कंपनियों के नाम पर बैंक खाते खोलकर फॉरेक्स ट्रेडिंग के माध्यम से ठगे गए पैसों को विदेश भेजा और फिर उसे वापस मंगवाया।
ऑपरेशन साइबर शील्ड के तहत कार्रवाई:
आईजी अमरेश मिश्रा के निर्देशन में साइबर थाने की टीम ने तकनीकी विश्लेषण कर मुख्य आरोपियों की पहचान की और दिल्ली में छापेमारी की। इस छापेमारी के दौरान आरोपियों हिमांशु तनेजा (29 वर्ष), गणेश कुमार (37 वर्ष) और अंकुश (26 वर्ष) को गिरफ्तार किया गया। उनके पास से पुलिस ने फर्जी दस्तावेज, आधार कार्ड, कंप्यूटर, स्कैनर, प्रिंटर, मोबाइल और साइबर अपराध से अर्जित की गई संपत्ति के दस्तावेज जब्त किए।
आरोपियों के कृत्य का खुलासा:
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वे फर्जी कंपनियों के नाम पर बैंक खाते खोलकर फॉरेक्स ट्रेडिंग के जरिए धन विदेश भेजते थे और फिर उसे वापस मंगवाकर उसे ठगी से अर्जित करते थे। इस प्रक्रिया में साइबर अपराध से प्राप्त धन से उन्होंने विभिन्न संपत्तियां भी खरीदी थीं।
कानूनी कार्रवाई और आगे की जांच:
गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई जारी है और पुलिस इस मामले की गहन जांच कर रही है। पुलिस का कहना है कि साइबर अपराधियों के खिलाफ यह कार्रवाई निरंतर जारी रहेगी और सभी आरोपियों को सजा दिलवाने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा। पुलिस ने जब्त किए गए दस्तावेजों के आधार पर आरोपियों से जुड़ी संपत्तियों को अटैच करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।