छत्तीसगढ़

विवेचकों को विवेचना का स्तर इम्प्रूव करने, आवश्यक फॉरेंसिक जांच कराने के तरीके 

Share this

रायपुर. लैंगिक अपराधों से बालको का संरक्षण अधिनियम के विषय में आज एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. इसमें पॉक्सो एक्ट के संबंध में विवेचकों को और दक्ष बनाने, विवेचना का स्तर इम्प्रूव करने, आवश्यक फॉरेंसिक जांच कराने के तरीकों के बारे में जानकारी दी गई. जिले के 2 प्रकरण जिनमें मृत्युपर्यंत कारावास की सजा हुई है, उसकी केस स्टडी की भी चर्चा की गई.

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रायपुर प्रशांत अग्रवाल एवं मॉरिशा नायडू शासकीय अधिवक्ता जिला न्यायालय रायपुर के मार्गदर्शन में पॉक्सो एक्ट के विषय में आयोजित इस सेमीनार में अलग-अलग कार्यवाहियों के संबंध में विवेचकों के संशय भी दूर किए गए. पॉक्सो एक्ट एवं सर्वोच्च न्यायालय के निपुण सक्सेना जजमेंट में पीडिता की पहचान उजागर ना हो पाने के संबंध में दिए गए निर्देशों के बारे में भी विवेचकों को अवगत कराया गया.

वरिष्ठ कार्यालयों द्वारा जारी परिपत्र एवं निर्देश, अपराध विवेचना संबंधी महत्वपूर्ण जानकारी एवं बरती जाने वाली सावधानियों एवं अपराध घटित संबंधी व्याख्यान की जानकारी दी गई, जिससे विवेचना के दौरान आने वाली समस्याओं का निराकरण किए जाने में सफलता प्राप्त किया जा सके. साथ ही पॉक्सो एक्ट के अपराधों के संबंध में मीडिया को लैंगिक अपराध संबंधी दिशा निर्देश एवं पीड़ित की पहचान उजागर होने संबंधी सावधानी एवं दंड संबंधी प्रावधान की जानकारी दी गई.

इस आयोजन में मुख्य रूप से अभिषेक महेश्वरी, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर, रायपुर चंचल तिवारी, अति. पुलिस अधीक्षक आईयूसीएडब्लू, ललिता मेहर उप पुलिस अधीक्षक, आईयूसीएडब्लू, दिव्या शर्मा उप निरीक्षक थाना तेलीबांधा समेत रायपुर जिले के सभी नगर पुलिस अधीक्षक, उप पुलिस अधीक्षक, थाना प्रभारी, उप निरीक्षक उपस्थित थे.