छत्तीसगढ़

महतारी हुंकार रैली पर बोले जय सिंह- स्मृति ईरानी का वजूद खत्म छत्तीसगढ़ से चुनाव लड़ने की दी चुनौती

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बिलासपुर: बिलासपुर जिले के प्रभारी मंत्री जय सिंह अग्रवाल ने छत्तीसगढ़ में बीजेपी पर जमकर तंज कसा है। बीजेपी की महतारी हुंकार रैली में हमला बोलते हुए कहा कि, छत्तीसगढ़ भाजपा में नेतृत्व की कमी है। इसलिए स्मृति ईरानी को बुलाकर कार्यक्रम कराया जा रहा है।

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के ए फॉर अमेठी, बी फॉर बिलासपुर और सी फॉर छत्तीसगढ़ के फार्मूले पर जय सिंह अग्रवाल ने पलटवार करते हुए कहा कि, यूपी में स्मृति ईरानी का वजूद खत्म हो गया है। छत्तीसगढ़ के पूरे 90 विधानसभा का दौरा करें, और अगला विधानसभा चुनाव लड़ने तक की जयसिंह अग्रवाल ने चुनौती है।

जोगी कांग्रेस के भानुप्रतापपुर चुनाव नहीं लड़ने पर कहा कि, उनकी पार्टी के चुनाव लड़ने या न लड़ने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा। कांग्रेस पार्टी प्रचंड बहुमत से जीतेगी। जोगी की पार्टी ने तो मरवाही में भाजपा का समर्थन किया था। वहां क्या स्थिति थी सबको मालूम है।

गुजरात चुनाव में आप पार्टी पर भी तंज कसते हुए जय सिंह अग्रवाल ने कहा कि, आम आदमी पार्टी ठीक से कैंडिडेट तक नहीं खोज पा रही हैं। एक भी सीट जीत नहीं पाएगी।..गुजरात में सीधी टक्कर भाजपा-कांग्रेस के बीच होगी।

प्रदेश की कांग्रेस सरकार के खिलाफ BJP महिला मोर्चा की महतारी हुंकार रैली में शामिल होने केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी बिलासपुर पहुंचीं थी। रैली में शामिल होने के बाद जनसभा को संबोधित करते हुए स्मृति ने राज्य सरकार पर जमकर निशाना साधी थी। उन्होंने कहा था कि, हम घर में घुसकर वार करते हैं। अंग्रेजी में A फॉर अमेठी और B फॉर बिलासपुर और अब C फॉर छत्तीसगढ़ होगा। उनका आशय अमेठी के बाद अब बिलासपुर और छत्तीसगढ़ में जीत का था। उन्होंने कहा हाथ में गंगाजल लेकर छलने निकले कांग्रेस नेता बताएं महिलाओं के साथ लगातार अत्याचार, अपराध क्यों हो रहे हैं। जनता की तिजोरी कैसे लूटी जाए इसमें सरकार की रुचि है। 

केंद्रीय मंत्री को काला झंडा दिखाने पहुंचे थे कांग्रेसी

कांग्रेस ने महंगाई, रेल बंदी सहित केंद्र सरकार के जनविरोधी फैसलों के खिलाफ केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को काला झंडा दिखाने पहुंचे थे। जिन्हें पुलिसकर्मियों हिरासत में ले लिया था।जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष विजय केशरवानी के नेतृत्व में बड़ी संख्या में कांग्रेस नेता, पदाधिकारी और कार्यकर्ता तिफरा के पास एकत्रित हुए थे।