भाटापारा में लोकोत्सव का भव्य आयोजन,छत्तीसगढ़ी लोक कला उन्नयन मंच में पंडवानी,भरथरी, सुआ ददरिया,जसगीत के कलाकारों ने शमा बांधा

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भाटापारा :- नगर के कला एवं साहित्य प्रेमी जनों का एक अनूठा प्रयास जो जनवरी 1992 से प्रारंभ हुआ आज पर्यंत जारी है । लोकोत्सव भाटापारा की अविरल धारा इस वर्ष भी लोक समारोह के रूप में कला एवं साहित्य प्रेमी जनों को समर्पित है । तत्कालीन विधायक नरेंद्र शर्मा ,नगर के कलाप्रेमी स्वर्गीय डॉक्टर जितेंद्र ऑडील, लोक कला के मर्मज्ञ जीडी मानिकपुरी अधिवक्ता और कला को समर्पित रमेश यदु ,गणेश राम सेन, अंचल के वरिष्ठ साहित्यकार बलदेव भारती, आर पी पटेल तथा सहयोगियों की एक अनूठी परिकल्पना लोकोत्सव भाटापारा इस वर्ष 18 मई से 20 मई 2024 तक समारोह के रूप में आयोजित हो रहा है रात्रि 9:00 बजे से लोकोत्सव मैदान के मंच में आज 1. छत्तीसगढ़ लोक पारम्परिक पंडवानी गायक तरुणा साहू राजनांदगांव

2. छत्तीसगढ़ लोक पारम्परिक राऊत नाचा लटुवा

3. छत्तीसगढ़ लोक पारम्परिक डंडा नृत्य डागेश्वर राजेन्द्र भिंभौरी

4. छत्तीसगढ़ लोक कला मंच लोकप्रयाग राजेश साहू राजिम

5. छत्तीसगढ़ लोक कला मंच सुरसुधा पं. शिवकुमार तिवारी देवकिरारी

6. छत्तीसगढ़ लोक कला मंच रंग झरोखा दुष्यन्त हरमुख राजनांदगांव

7. छत्तीसगढ़ लोक पारम्परिक आदिवासी बस्तरिहा कांशीराम नेवेन्द्र करिहा चारामा ।

8. छत्तीसगढ़ लोक कला मंच सुरमोहनी गहना चन्द्राकर अम्बिकापुर

9. छत्तीसगढ़ लोक पारम्परिक लोक लहर सुवा नृत्य मंजू ध्रुव चरौटी बलौदाबाजार

10. छत्तीसगढ़ लोक पारम्परिक जय दुर्गा नाचा पार्टी गम्मत रामकुमार साहू पुरदा करेली। अपनी प्रस्तुति देंगे..

आपको बता दे इन 33 वर्षों में लोकोत्सव भाटापारा की अविरल धारा निरंतर जन सहयोग से प्रवाहित हो रही है । कलाकारों ,दर्शकों एवं कला प्रेमी जनों का सहयोग तथा छत्तीसगढ़ की विभूतियों का आशीर्वाद ही इसकी सफलता के मूल कारक हैं । अब तक इस लोकोत्सव में छत्तीसगढ़ के विशिष्ट जनप्रतिनिधियों ,साहित्यकारों एवं कलाकारों की महत्वपूर्ण उपस्थिति रही है ।

जनप्रतिनिधियों में तत्कालीन मुख्यमंत्री पंडित श्यामाचरण शुक्ल, डॉ राजेंद्र दुबे ,स्वर्गीय चंदूलाल चंद्राकर, वर्तमान राज्यपाल रमेश बैस, सांसद संत कवि स्वर्गीय पवन दीवान, स्वर्गीय डी पी घृतलहरे, सत्यनारायण शर्मा, राम पुकार सिंह ,चरण दास महंत, जुगल किशोर साहू ,तरुण चटर्जी ,पूर्व सांसद चंद्रशेखर साहू, साहित्यकारों में सर्व श्री स्वर्गीय पंडित श्यामलाल चतुर्वेदी, स्वर्गीय डॉ विमल कुमार, पाठक, डॉ विनय कुमार पाठक, सत्यभामा आडिल ,डॉ निरुपमा शर्मा, रामेश्वर वैष्णव ,स्वर्गीय डॉ हरि ठाकुर, पालेश्वर शर्मा स्वर्गीय विश्वेंद्र ठाकुर, डॉक्टर पीसी लाल यादव,पद्मश्री डॉक्टर सुरेंद्र दुबे, स्वर्गीय मुकुंद कौशल ,बलदेव भारती ,देवधर महंत ,स्वर्गीय डॉक्टर संतराम साहू, अजय अमृतांशु ,लोक कलाकारों में पद्मश्री तीजन बाई पद्मश्री ममता चंद्राकर, पद्मश्री अनुज शर्मा, पद्मश्री उषा बारले ,पीआर उरांव, पंडित शिवकुमार तिवारी, रजनी रजक, रामाधार साहू,चंदैनी , विष्णु कश्यप, चंदन बांधे, सीमा कौशिक, डॉ विकास अग्रवाल, अमर श्रीवास ,खुमान लाल यादव ,खुमान साव ,रेखा जल छतरी, रमा दत्त जोशी बहने ,हीरा सिंह यादव गरियाबंद ,काशीराम नेवेद्र चारामा, उद्घोषको में स्वर्गीय बरसाती भैया, केसरी प्रसाद बाजपेई जी का जीवन भर सहयोग प्राप्त हुआ साथ में स्वर्गीय जेपी साहू ,रजनी रजक, रघुनाथ प्रसाद पटेल ,सुमन शर्मा ,वीणा साहू का अमूल्य सहयोग , मार्गदर्शन एवं आशीर्वाद प्राप्त हुआ । इतने बड़े आयोजन के लिए विभिन्न समितियां हैं जो पूरी मुस्तैदी के साथ कार्यों का संपादन करती हैं। इन बीते 32 वर्षों में प्रतिदिन मंच से अतिथियों के साथ सभी कलामंचो को सम्मानित किया जाता है साथ ही विभिन्न क्षेत्रों में जैसे शिक्षा, साहित्य ,कला ,व्यापार, चिकित्सा ,समाज सेवा एवं खेल के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वालों को भी मंच से सम्मानित किया जाता है । छत्तीसगढ़ी लोककला मंच के गठन का मूल उद्देश्य छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति को अक्षुण्ण बनाए रखने हेतु प्रदेश के कलाकारों ,कला मंचो की प्रतिभा को जनमानस के बीच प्रस्तुत कराना ताकि उन्हें समाज से यथोचित सम्मान प्राप्त हो सके । मंच लोक कला, लोक संस्कृति के उन्नयन के लिए कृत संकल्पित है । यह मंच छत्तीसगढ़ की संस्कृति में फुहडता और अश्लीलता को हमेशा ही नकारा है ।