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पैनल में 4 नाम, सावित्री पर सहमति! देर रात तक उम्मीदवार का ऐलान कर सकती है कांग्रेस

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भानुप्रतापपुर 14 नवम्बर 2022: भानुप्रतापपुर विधानसभा उप चुनाव में पार्टी उम्मीदवार तय करने के लिए सोमवार को प्रदेश कांग्रेस चुनाव समिति की बैठक में तीन नामों का पैनल हाईकमान को भेजा गया है। सीएम भूपेश ने बताया कि नाम पर आलाकमान का मुहर लगते ही एक दो दिन में ऐलान कर दिया जाएगा।

चुनाव समिति की पिछली बैठक में 14 दावेदारों के नाम सामने आए थे। अब कयास लगाए जा रहे हैं कि आलाकमान को नाम सौंपने के बाद मंगलवार शाम तक पार्टी यहां से अपने उम्मीदवार के नाम की घोषणा कर देगी। तीन नामों में सावित्री मंडावी का नाम लगभग तय माना जा रहा है।प्रदेश चुनाव समिति की बैठक कांग्रेस के प्रदेश मुख्यालय राजीव भवन में सुबह 11.30 बजे शुरू हुई।

बैठक में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम, प्रभारी महामंत्री अमरजीत चावला मौजूद रहे। चुनाव समिति भानुप्रतापपुर से पार्टी उम्मीदवारी के 14 दावेदारों में सावित्री मंडावी, राजेंद्र सलाम, जीवन राम ठाकुर, ठाकुर राम कश्यप, धनीराम धुर्वा, विजय ठाकुर, हेमंत कुमार ध्रुव, बीरेश ठाकुर, ललित नरेटी, सुनाराम तेता, राजेश पोटाई, तुषार ठाकुर और अनिता उइके हैं। योग्य नामों के लिए पार्टी ने आंतरिक सर्वे कराया था।

सावित्री मंडावी का दावा अभी सबसे मजबूत

प्रदेश चुनाव समिति की इस बैठक के बाद नामों का पैनल केंद्रीय चुनाव समिति को भेजा जाएगा। इससे पहले जो सर्वे हुआ है उसमें सावित्री मंडावी का दावा मजबूत बताया जा रहा है। सावित्री मंडावी दिवंगत विधायक मनोज मंडावी की पत्नी है। उन्होंने सरकारी सेवा से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के लिए पहले ही आवेदन दे दिया है।

कांग्रेस विधायक के निधन से खाली हुई है सीट

भानुप्रतापपुर से कांग्रेस विधायक मनोज कुमार मंडावी का 16 अक्टूबर की सुबह दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था। उसके बाद इस सीट को रिक्त घोषित कर दिया गया। निर्वाचन आयोग ने चुनाव की अधिसूचना 10 नवम्बर को जारी कर दिया है। 17 नवम्बर तक मतदान की अंतिम तिथि है। नया विधायक चुनने के लिए पांच दिसम्बर को मतदान होगा। आठ दिसम्बर को मतगणना होगी और परिणाम घोषित किया जाएगा।

भानुप्रतापपुर विधायक और विधानसभा उपाध्यक्ष रहे मनोज मंडावी की पत्नी सावित्री मंडावी रायपुर के कटोरा तालाब स्थित सरकारी स्कूल में व्याख्याता के पद पर तैनात थीं। निर्वाचन आयोग ने शनिवार सुबह उप चुनाव का कार्यक्रम जारी किया था। दोपहर बाद ही सावित्री मंडावी का इस्तीफा हो गया था।

निर्वाचन कानून के मुताबिक कोई सरकारी कर्मचारी अथवा लाभ के पद पर बैठा व्यक्ति चुनाव नहीं लड़ सकता। ऐसे में मंडावी को नामांकन से पहले ही नौकरी छोड़ना ही पड़ता। बताया जा रहा है, दिवंगत मनोज मंडावी की अंतिम यात्रा में शामिल होने पहुंचे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सावित्री मंडावी को उम्मीदवार बनाने की बात कही थी। उसके बाद मंडावी के समर्थक उनके पीछे एकजुट होकर चुनाव की तैयारी में लगे हैं।

कांकेर के चारामा में हुई मुख्यमंत्री की जनसभा में भी सावित्री मंडावी के समर्थन में नारे लगाए गए थे। इधर कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला का कहना है, “वहां से उनका दावा मजबूत है, लेकिन उम्मीदवार कौन होगा इसके लिए पार्टी का अपना मैकेनिज्म है। यह चुनाव समिति की बैठक के बाद ही तय होता है।

उपचुनाव का स्ट्राइक रेट बरकरार रखना चाहेगी कांग्रेस

2018 में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद छत्तीसगढ़ में हर साल उप चुनाव हुए हैं। दंतेवाड़ा, चित्रकोट, मरवाही, खैरागढ़ में सत्ताधारी कांग्रेस के उम्मीदवारों ने एकतरफा जीत दर्ज की है। पिछले चार चुनाव में एकमात्र चित्रकोट सीट ही 2018 के आम चुनाव में कांग्रेस के खाते में थी। इसका मतलब है कि इन चुनावों में कांग्रेस का स्ट्राइक रेट 100% था। इस कार्यकाल में यह विधानसभा का पांचवा उपचुनाव होगा। पार्टी इस स्ट्राइक रेट को बरकरार रखने की कोशिश में है।

5 दिसंबर को वोटिंग, 8 दिसंबर को काउंटिंग

5 दिसंबर को मतदान और 8 दिसम्बर को मतगणना की तारीख तय की गई है। चुनाव कार्यक्रम जारी होते ही आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है।