पलारी जनपद में बीजेपी समर्थित सत्ता निर्विरोध, लेकिन गुटबाजी हुई उजागर

पलारी। जनपद पंचायत पलारी में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद के लिए हुए चुनाव में बीजेपी समर्थित उम्मीदवारों ने निर्विरोध जीत दर्ज की। हालांकि, इस राजनीतिक सफलता के साथ ही पार्टी की अंदरूनी गुटबाजी भी खुलकर सामने आ गई। इसका ताजा उदाहरण शपथ ग्रहण समारोह में वरिष्ठ भाजपा नेताओं और क्षेत्रीय विधायक की उपेक्षा के रूप में देखने को मिला।
वरिष्ठ नेताओं और विधायक की अनदेखी
आज सुबह 11 बजे जनपद पंचायत भवन में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में क्षेत्रीय विधायक संदीप साहू, वरिष्ठ भाजपा नेता योगेश चंद्राकर, दुर्गा महेश्वर, नंदकुमार वर्मा और नवनिर्वाचित जिला पंचायत सदस्य महेंद्र मोनू साहू, शैलेन्द्र बंजारे, रवि बंजारे को आमंत्रित नहीं किया गया। इसे पार्टी कार्यकर्ताओं ने एक ‘चूक’ नहीं, बल्कि सुनियोजित अनदेखी करार दिया है।
गुटबाजी के चलते पार्टी में असंतोष
बीजेपी कार्यकर्ताओं में इस फैसले को लेकर खासा आक्रोश है। उनका कहना है कि स्थानीय वरिष्ठ नेताओं और मजबूत जनाधार वाले पदाधिकारियों को समारोह से दूर रखना पार्टी संगठन के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है। कार्यकर्ताओं का मानना है कि इससे पार्टी में अंदरूनी कलह बढ़ेगी, जिसका सीधा असर आगामी चुनावों में देखने को मिलेगा।
प्रोटोकॉल का भी उल्लंघन
केवल भाजपा नेताओं की ही नहीं, बल्कि कांग्रेस विधायक संदीप साहू की भी इस समारोह में अनदेखी की गई। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने इस पर नाराजगी जताते हुए इसे भाजपा की राजनीतिक अदूरदर्शिता और गुटबाजी का नतीजा बताया।
मंडल अध्यक्ष ने साधी चुप्पी
इस पूरे विवाद पर जब भाजपा मंडल अध्यक्ष पवन वर्मा से प्रतिक्रिया मांगी गई, तो उन्होंने खुद को इससे अनजान बताया। उनका कहना था कि शपथ ग्रहण समारोह में अतिथियों के नाम तय करने में उनसे कोई परामर्श नहीं लिया गया।
आने वाले चुनावों पर पड़ेगा असर?
बीजेपी की अंदरूनी गुटबाजी पार्टी के लिए भविष्य में राजनीतिक नुकसान पहुंचा सकती है। कार्यकर्ताओं का मानना है कि यदि संगठन में समन्वय नहीं बना, तो इसका प्रभाव आगामी चुनावों में साफ नजर आएगा। अब देखना होगा कि पार्टी नेतृत्व इस विवाद को कैसे संभालता है।