Share this
नई दिल्ली: राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना समेत 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव के लिए कभी भी बिगुल बज सकता है। चुनाव आयोग की टीम गुरुवार को तेलंगाना में चुनाव पूर्व समीक्षा के लिए पहुंची थी। इसके बाद अब दिल्ली में शुक्रवार को मीटिंग बुलाई गई है। इसमें सभी 5 राज्यं में चुनावी तैयारियों की समीक्षा की जाएगी। माना जा रहा है कि इस मीटिंग के बाद कभी चुनाव की तारीखों का ऐलान हो सकता है और सभी चुनावी राज्यों में अधिसूचना लग जाएगी। चर्चा है कि चुनाव आयोग इस शनिवार से सोमवार के बीच किसी भी दिन तारीखों का ऐलान कर सकता है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ में इस बार भी दो चरणों में चुनाव होने की संभावना है, पहले चरण में बस्तर संभाग तो दूसरे चरण में छत्तीसगढ़ के अन्य हिस्सों में चुनाव कराया जा सकता है। छत्तीसगढ़ के बस्तर की 18 सीटों के लिए पहला चुनाव 12 नवंबर 2018 को हुआ था, और शेष 72 सीटों के लिए दूसरे चरण का चुनाव 20 नवंबर को हुआ था।
राजस्थान, तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश की विधानसभाओं का कार्यकाल अगले साल जनवरी में अलग-अलग तारीखों पर समाप्त हो रहा है। लेकिन मिजोरम की विधानसभा के कार्यकाल की तारीख को देखते हुए नतीजे पहले ही घोषित होंगे। 2018 में भी दिसंबर के दूसरे सप्ताह में ही पांचों राज्यों के चुनाव नतीजे आए थे। बता दें कि तेलंगाना में भारत राष्ट्र समिति की सरकार है, जबकि मध्य प्रदेश में भाजपा सत्ता में हैं। मिजोरम में मिजो नेशनल फ्रंट सत्ता पर काबिज है। वहीं राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस पार्टी सत्ता में है।
गौरतलब है कि इन चुनावों को लोकसभा चुनाव के लिए सेमीफाइनल के तौर पर भी देखा जा रहा है। बिहार में हुई जातिगत जनगणना और विपक्ष के INDIA गठबंधन के तौर पर एकजुट होने का जमीन पर कितना असर है। इसकी पुष्टि भी इन चुनावों के नतीजों से हो जाएगी। इस चुनाव में कई नेताओं की साख भी दांव पर लगी हुई है, जो लंबे समय से राज्यों में सरकार चला रहे हैं या अपनी पार्टियों का नेतृत्व करते रहे हैं, जैसे- अशोक गहलोत, शिवराज सिंह चौहान, वसुंधरा राजे और के. चंद्रशेखर राव।