NCERT का बड़ा बदलाव: 9वीं से 12वीं का नया सिलेबस और अनिवार्य ब्रिज कोर्स

नई दिल्ली | देश की स्कूल शिक्षा में बड़ा बदलाव आने वाला है। नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (NCERT) ने 9वीं से 12वीं कक्षा के लिए नया पाठ्यक्रम तैयार करना शुरू कर दिया है। इस नई योजना के तहत पुराने सिलेबस से पढ़े छात्रों को एक अनिवार्य ‘ब्रिज कोर्स’ भी करना होगा, ताकि वे नए सिलेबस के अनुरूप सीखने में पीछे न रह जाएं।
नए सिलेबस की तैयारी और किताबें
एनसीईआरटी की एक्सपर्ट कमेटी नए सिलेबस के अनुसार किताबें तैयार कर रही है। 9वीं और 11वीं की किताबें अगले साल फरवरी तक स्कूलों में उपलब्ध होंगी, जबकि 10वीं और 12वीं की किताबें जुलाई तक आने की संभावना है। यह बदलाव शैक्षणिक सत्र 2026-27 से प्रभावी होगा।
सिलेबस में बदलाव की वजह
नई योजना नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क (NCF) के अनुरूप बनाई जा रही है। इसमें पाठ्य सामग्री को कम किया गया है और सीखने की प्रक्रिया को गतिविधियों (Activities) और ग्राफिक्स के माध्यम से और अधिक इंटरैक्टिव बनाने पर जोर दिया गया है। इसका उद्देश्य छात्रों की समझ और व्यावहारिक ज्ञान को बढ़ाना है।
ब्रिज कोर्स क्या है?
‘ब्रिज कोर्स’ उन छात्रों के लिए जरूरी होगा जो पुराने सिलेबस से नए सिलेबस में आ रहे हैं। इससे उनके बीच के ज्ञान का अंतर कम होगा। उदाहरण के लिए:
- पुराने सिलेबस से 10वीं पास करने वाले छात्र 11वीं में आने पर 6 सप्ताह का ब्रिज कोर्स करेंगे।
- पुराने सिलेबस से 9वीं पास करने वाले छात्र 10वीं में प्रवेश करते समय भी यह कोर्स करेंगे।
NCERT इस ब्रिज कोर्स के लिए भी अलग से किताबें और सामग्री तैयार कर रहा है। यह कदम छात्रों को नए सिलेबस में सुगमता से एडजस्ट करने और उनकी पढ़ाई को असरदार बनाने के लिए उठाया गया है।
इस बदलाव से स्कूल शिक्षा में ज्ञान की गुणवत्ता बढ़ाने, छात्रों की सृजनात्मक क्षमता को मजबूत करने और अधिगम अनुभव को और रोचक बनाने की उम्मीद है।



