Breaking News: कवर्धा में डेढ़ करोड़ की साइबर ठगी का खुलासा, युवक ने खोले 18 से अधिक म्यूल अकाउंट!

कवर्धा। जिले में साइबर अपराध के विरुद्ध चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। जिले की साइबर सेल और पुलिस चौकी पोड़ी की संयुक्त टीम ने एक ऐसे युवक को गिरफ्तार किया है, जिसने 18 से अधिक फर्जी बैंक खाते खोलकर 1.5 करोड़ रुपये से अधिक की साइबर ठगी की रकम को ठिकाने लगाने में साइबर अपराधियों का साथ दिया।
गिरफ्तार युवक की पहचान मोहन लाल जायसवाल, निवासी ग्राम सुरजपुरा, पोस्ट रबेली, थाना बोड़ला, जिला कबीरधाम के रूप में हुई है। पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपी ने टेलीग्राम जैसे ऑनलाइन प्लेटफार्मों पर सक्रिय ठग गिरोहों से संपर्क किया और “HK Pay”, “AC Pay” जैसे ग्रुप्स के माध्यम से “घर बैठे पैसे कमाने” के लालच में आकर अपने और परिजनों के नाम से बैंक खाते खुलवाए।
म्यूल अकाउंट्स का नेटवर्क, करोड़ों का लेनदेन
मोहन लाल ने न केवल अपने नाम से, बल्कि अपने माता-पिता और अन्य रिश्तेदारों के नाम पर भी बैंक खाते खुलवाए और उन खातों में ठगी की रकम प्राप्त की। इसके बाद वह निर्देशानुसार वह रकम अन्य खातों में ट्रांसफर करता था और हर ट्रांजैक्शन पर कमीशन कमाता था।
अब तक की जांच में यह सामने आया है कि आरोपी के बैंक खातों से जुड़े लेनदेन का कुल मूल्य 1.5 करोड़ रुपये से अधिक है, जो देशभर में हुई कई साइबर ठगी घटनाओं से संबंधित है।
जिन बैंकों में आरोपी ने खाते खुलवाए, उनमें बंधन बैंक, डीसीबी बैंक, आईडीबीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक, केनरा बैंक, इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक और पंजाब नेशनल बैंक शामिल हैं।
ठगी की रकम ठिकाने लगाने का बना माध्यम
प्रथम दृष्टया यह स्पष्ट है कि आरोपी ने पैसों के लालच में सुनियोजित रूप से साइबर ठगों के लिए मनी ट्रांसफर एजेंट की भूमिका निभाई। साइबर क्राइम पोर्टल पर शिकायतें दर्ज होने के बाद जब प्रारंभिक खाते फ्रीज हुए, तो आरोपी ने नए नामों से खाते खोलकर वही आपराधिक गतिविधियां दोहराईं।
इस आधार पर आरोपी के विरुद्ध भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 317(4), 318(2) एवं 61(2) के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विधि अनुसार गिरफ्तारी व आगे की कार्रवाई प्रारंभ कर दी गई है।
पुलिस की अपील – सतर्क रहें, जागरूक बनें
पुलिस अधीक्षक धमेन्द्र सिंह ने आम जनता, विशेषकर युवाओं से अपील की है कि वे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर दिए जा रहे “घर बैठे पैसे कमाने”, “बिना काम के इनकम”, या “बैंक डिटेल देने पर कमीशन” जैसे प्रलोभनों से दूर रहें।
ऐसे फर्जी ऑफर के ज़रिए साइबर अपराधी आम नागरिकों के बैंक खातों का उपयोग ठगी की रकम को ट्रांसफर करने में करते हैं, जिससे खातेधारक भी अपराध में सहभागी माने जाते हैं। पुलिस ने स्पष्ट किया कि ऐसे अपराधों में शामिल पाए जाने पर जेल और आर्थिक दंड, दोनों का प्रावधान है। उन्होंने बताया कि जिले में ऐसे अन्य मामलों की भी गहन जांच की जा रही है और संदेहास्पद गतिविधियों की निगरानी बढ़ा दी गई है।