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चैत्र मास की पूर्णिमा पर देवी की पूजा के साथ महाराष्ट्र में किया जाता है नृत्य
हाथ में छोटी डंडियाँ लेकर किया जाता सोंगी मुखौटा नृत्य
रायपुर, 02 नवम्बर 2022
![राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव](https://dprcg.gov.in/public/uploads/ckeditor/images/1667373957_d18ae83b0e47e594d2fc.jpeg)
महाराष्ट्र का सोंगी मुखौटे नृत्य भारत की समृद्ध लोक नृत्य-संगीत की परम्परा का नायाब उदाहरण है। यह मुखौटा नृत्य चौत्र मास की पूर्णिमा पर देवी की पूजा के साथ महाराष्ट्र में किया जाता है। असत्य पर सत्य की विजय के इस नृत्य में दो कलाकार नरसिंह रूप धारण कर नृत्य करते हैं। महाराष्ट्र में होली के बाद यह उत्सव मनाया जाता है।
![राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव](https://dprcg.gov.in/public/uploads/ckeditor/images/1667373973_3f156bbe501aac2a44d7.jpeg)
इस उत्सव में पारम्परिक व्रत एवं पूजा के बाद बलि देने का रिवाज भी शामिल है। सोंगी मुखौटा नृत्य हाथ में छोटी डंडियाँ लेकर किया जाता है। नर्तक काल भैरव और बेताल के भी मुखौटे पहन कर नृत्य करते हैं। यह नृत्य असत्य पर सत्य की विजय का प्रतीक है। ढोल, पावरी तथा संबल वाद्य इस नृत्य में प्रमुख रूप में उपयोग किए जाते हैं। पावरी वादक हरे रंग का चोंगा पहनते हैं तथा सिर पर मोर के पंख बांधते हैं।