सांस लेना हुआ मुश्किल: प्रदूषण से दिल्ली–NCR बेहाल, मरीजों की संख्या बढ़ी

नोएडा। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) एक बार फिर जहरीली हवा की चपेट में है। दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद के अधिकांश मॉनिटरिंग स्टेशनों पर वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) ‘गंभीर’ श्रेणी में दर्ज किया गया है। कई स्थानों पर AQI 400 से 450 के बीच पहुंच गया, जबकि कुछ इलाकों में यह उससे भी ऊपर चला गया है। 1 से 5 दिसंबर तक लगभग हर दिन हवा की गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ से ‘गंभीर’ श्रेणी में बनी रही है।
नोएडा के सेक्टर-125, 62 और 116 में AQI क्रमशः 381, 308 और 369 रिकॉर्ड किया गया। ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क–III और V में सूचकांक 304 और 358 तक पहुंच गया। गाजियाबाद में स्थिति और गंभीर रही—लोनी में AQI 403 दर्ज किया गया, जबकि इंदिरापुरम और संजय नगर में भी स्तर 300 के पार रहा। दिल्ली के मुनडका, नजफगढ़, नेहरू नगर, ओखला, पंजाबी बाग और पटपड़गंज में AQI 340 से 380 के बीच रहा, जो स्वास्थ्य के लिए अत्यंत जोखिमभरा स्तर माना जाता है।
मौसम विभाग के अनुसार, अगले कुछ दिनों में राहत की संभावना नहीं है। 6 से 11 दिसंबर के बीच न्यूनतम तापमान 10–12 डिग्री और अधिकतम 23–24 डिग्री के आसपास रहने का अनुमान है। हवा की गति कम होने और प्रदूषक कणों के वातावरण में ठहर जाने से स्मॉग और घना हो सकता है।
प्रदूषण का असर स्वास्थ्य पर साफ दिख रहा है। अस्पतालों में आंखों में जलन, गले में खराश, सांस लेने में कठिनाई और अस्थमा के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। डॉक्टरों ने बच्चों, बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और श्वसन संबंधी रोगियों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी है। साथ ही, सुबह-शाम अनावश्यक रूप से बाहर निकलने से बचने की हिदायत दी गई है।
प्रदूषण नियंत्रण एजेंसियों ने निर्माण कार्य, धूल फैलाने वाली गतिविधियों और कचरा जलाने पर निगरानी कड़ी कर दी है। विशेषज्ञों का कहना है कि हवा की रफ्तार बढ़ने या हल्की बारिश के बिना एनसीआर की हवा में सुधार की संभावना बेहद कम है। फिलहाल क्षेत्र की हवा ‘जहरीली’ बनी रहने की आशंका है।



