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छत्तीसगढ़

देशी मछलियों की सुरक्षा के लिए कदम, छत्तीसगढ़ में दो प्रजातियों पर लगाया गया प्रतिबंध

गरियाबंद। भारत सरकार के निर्देशों के अनुरूप अब छत्तीसगढ़ में कुछ विदेशी मछलियों की प्रजातियों के पालन और व्यापार पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है। राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़ मत्स्य क्षेत्र (संशोधन) अधिनियम 2015 के तहत अधिसूचना जारी करते हुए एक्सोटिक मांगुर और बिग हेड प्रजातियों को “प्रतिबंधित मत्स्य” घोषित किया है।

इन प्रजातियों के पालन, संवर्धन, आयात-निर्यात, बिक्री, परिवहन और विपणन को अब कानूनन अपराध माना जाएगा। शासन ने यह कदम पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने, देशी मछलियों की प्रजातियों के संरक्षण और मानव स्वास्थ्य की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उठाया है।

नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। दोषी पाए जाने पर एक वर्ष तक का कारावास या 10 हजार रुपये तक का जुर्माना, या दोनों दंड दिए जा सकते हैं। साथ ही, ऐसी मछलियों के बीज या भंडारण सामग्री को तुरंत नष्ट करने का भी प्रावधान है।

मत्स्य पालन विभाग ने स्पष्ट किया है कि इन विदेशी प्रजातियों का पालन पर्यावरण को गंभीर रूप से प्रभावित करता है और देशी मछलियों के अस्तित्व के लिए खतरा बनता है। विभाग ने सभी मत्स्य पालकों और आम नागरिकों से अपील की है कि वे इन मछलियों का पालन या बिक्री न करें और शासन के नियमों का पूर्णतः पालन करें।

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Kailash Jaiswal

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