छत्तीसगढ़ कैबिनेट का बड़ा फैसला: किसानों, कर्मचारियों और उद्योगों के हित में 7 अहम निर्णय

रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में आज कैबिनेट की अहम बैठक सम्पन्न हुई। इस बैठक में राज्यहित और जनकल्याण को ध्यान में रखते हुए कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर मुहर लगाई गई। निर्णयों का उद्देश्य राज्य के आर्थिक विकास, प्रशासनिक दक्षता और नागरिकों के जीवन में सहजता लाना है। बैठक में लिये गये प्रमुख निर्णय इस प्रकार हैं:
कृषक उन्नति योजना का दायरा बढ़ाया गया
राज्य सरकार ने किसानों के हित में बड़ा निर्णय लेते हुए कृषक उन्नति योजना में संशोधन किया है। अब इस योजना का लाभ केवल धान उत्पादकों तक सीमित नहीं रहेगा। खरीफ 2025 से दलहन, तिलहन, मक्का जैसी फसलों की खेती करने वाले किसान भी योजना के पात्र होंगे। जो किसान खरीफ 2024 में धान की फसल लेकर समर्थन मूल्य पर बिक्री कर चुके हैं, वे अगर आगामी खरीफ में इन वैकल्पिक फसलों की खेती करते हैं तो उन्हें भी आदान सहायता राशि प्रदान की जाएगी।
छत्तीसगढ़ पेंशन फंड की स्थापना
राज्य सरकार ने सेवानिवृत्त कर्मचारियों को समय पर पेंशन भुगतान सुनिश्चित करने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ पेंशन फंड के गठन एवं इसके प्रबंधन संबंधी विधेयक-2025 के प्रारूप को मंजूरी दी है। इससे पेंशन देनदारियों का वित्तीय प्रबंधन और पारदर्शिता सुनिश्चित हो सकेगी।
छत्तीसगढ़ ग्रोथ एंड स्टेबिलिटी फंड को मंजूरी
राज्य के दीर्घकालिक आर्थिक विकास और वित्तीय स्थिरता को बनाए रखने के लिए मंत्रिपरिषद ने छत्तीसगढ़ ग्रोथ एंड स्टेबिलिटी फंड के गठन को मंजूरी दी है। इसके माध्यम से राजस्व में उतार-चढ़ाव, विशेषतः आर्थिक मंदी के समय, से प्रभावी तरीके से निपटा जा सकेगा।
लॉजिस्टिक नीति-2025 से छत्तीसगढ़ बनेगा लॉजिस्टिक हब
राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़ राज्य लॉजिस्टिक पॉलिसी-2025 को मंजूरी दी है, जिससे निर्यात अधोसंरचना को मजबूती मिलेगी और छत्तीसगढ़ को एक प्रमुख लॉजिस्टिक हब के रूप में विकसित किया जाएगा।
इस नीति के तहत ड्राई पोर्ट और इनलैंड कंटेनर डिपो की स्थापना को बढ़ावा मिलेगा, एमएसएमई और स्थानीय उत्पादकों को वैश्विक बाजारों तक पहुंच प्राप्त होगी, लॉजिस्टिक लागत में कमी से व्यापार, निवेश और रोजगार को बल मिलेगा।
जन विश्वास विधेयक-2025 को मंजूरी
छत्तीसगढ़ जन विश्वास (प्रावधानों का संशोधन) विधेयक-2025 के प्रारूप को मंजूरी दी गई। इससे कुछ कानूनों के प्रावधानों को गैर-अपराधीकरण किया जाएगा जिससे व्यापारियों, नागरिकों और उद्यमियों को प्रशासनिक सहूलियत मिलेगी। यह विधेयक अनावश्यक न्यायिक प्रक्रिया और व्यय को भी कम करेगा।
सात रिडेवलपमेंट योजनाओं को मंजूरी
राज्य के जर्जर भवनों और अनुपयोगी सरकारी भूमि के पुनर्विकास हेतु मंत्रिपरिषद ने रिडेवलपमेंट योजना के अंतर्गत सात परियोजनाओं को मंजूरी दी। इनमें रायपुर, राजनांदगांव, जगदलपुर, कांकेर, महासमुंद और कोरबा के स्थान शामिल हैं। इन योजनाओं से शहरी विकास और भूमि का बेहतर उपयोग सुनिश्चित किया जा सकेगा।
पंजीयन विभाग में पदोन्नति नियमों में अस्थायी राहत
वाणिज्यिक कर (पंजीयन) विभाग के अंतर्गत पदोन्नति की न्यूनतम सेवा अवधि को एक बार के लिए 5 वर्ष से घटाकर 2 वर्ष कर दिया गया है। इससे विभाग में पदोन्नति की प्रक्रिया में तेजी आएगी और कार्मिकों को नई जिम्मेदारियां समय पर मिल सकेंगी।