वक्फ संशोधन बिल को लेकर BJP की कार्यशाला : राष्ट्रीय महासचिव डॉ. राधा मोहन दास अग्रवाल और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कांग्रेस पर साधा निशाना, कहा – “वक्फ संपत्तियों का होगा पारदर्शी प्रबंधन, गरीब मुसलमानों को मिलेगा हक”

रायपुर। भारतीय जनता पार्टी (BJP) द्वारा प्रदेश मुख्यालय कुशाभाऊ ठाकरे परिसर में सोमवार को वक्फ सुधार जनजागरण अभियान को लेकर कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव डॉ. राधा मोहन दास अग्रवाल, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू, प्रदेश संगठन महामंत्री पवन साय, उप-मुख्यमंत्री अरुण साव सहित अनेक वरिष्ठ नेता, सांसद, विधायक, मंत्री और पार्टी कार्यकर्ता शामिल हुए।
कार्यशाला का उद्देश्य 1 से 10 मई तक चलने वाले वक्फ जनजागरण अभियान की रणनीति को अंतिम रूप देना और मुस्लिम समुदाय को विशेषकर पसमांदा मुसलमानों, विधवा महिलाओं व बोहरा समाज को वक्फ संशोधन विधेयक से होने वाले लाभों की जानकारी देना रहा।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा, “कांग्रेस सरकार ने वक्फ बोर्ड को ऐसी तानाशाही शक्तियाँ प्रदान कीं, जिससे उसने अपने अधिकार क्षेत्र का अतिक्रमण करते हुए न केवल सरकारी भूमि पर, बल्कि मंदिरों की संपत्तियों पर भी दावा ठोंक दिया। कांग्रेस को केवल वोट बैंक की चिंता है, न कि मुस्लिम समुदाय के वंचित वर्गों के अधिकारों की।”
उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार द्वारा पारित वक्फ संशोधन अधिनियम, समानता, पारदर्शिता और सामाजिक न्याय को बढ़ावा देने वाला ऐतिहासिक कदम है। यह विधेयक पसमांदा मुसलमानों के साथ-साथ मुस्लिम विधवा महिलाओं और बोहरा समुदाय के लिए भी विशेष रूप से लाभकारी सिद्ध होगा।
इस अवसर पर राष्ट्रीय महासचिव डॉ. राधा मोहन दास अग्रवाल ने कहा, देश में वक्फ संपत्तियों का सही प्रबंधन हो तो इससे एक लाख करोड़ रुपये तक की सालाना आय संभव है। लेकिन वर्तमान में यह आय केवल 166 करोड़ रुपये है, जो भ्रष्टाचार और कुप्रबंधन का परिणाम है। भाजपा इस अन्याय को समाप्त करने के लिए कृतसंकल्पित है।
डॉ. अग्रवाल ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि उसने सच्चर कमेटी की रिपोर्ट को केवल राजनीतिक हथियार की तरह इस्तेमाल किया, जबकि भाजपा उसे ज़मीन पर लागू कर गरीब मुसलमानों को उनका अधिकार दिलाने की दिशा में काम कर रही है।
कार्यशाला में वक्ताओं ने अभियान के तहत घर-घर पहुंचकर जागरूकता फैलाने, सोशल मीडिया और जनसंपर्क माध्यमों से जनमत तैयार करने और वक्फ संपत्तियों की वास्तविक स्थिति को उजागर करने के लिए विस्तृत कार्ययोजना प्रस्तुत की।