छत्तीसगढ़

दुर्ग बस स्टैंड पर ट्रांसपोटर्स ने दिया धरना, रूट और स्टापेज को लेकर विवाद

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दुर्ग जिला प्रशासन ने दुर्ग से रायपुर के लिए सिटी बस सेवा शनिवार से शुरू कर दी है। जनहित के इस कार्य की शुरूआत होते ही निजी बस संचालक इसके विरोध में उतर आए। वह लोग सिटी बस सेवा शुरू होने के विरोध में रविवार सुबह से दुर्ग जिला मुख्यालय में धरना प्रदर्शन किया। ट्रांसपोर्टरों ने दुर्ग बस स्टैंड में सिटी बस का रास्ता रोकने की कोशिश भी की, लेकिन दुर्ग पुलिस ने ऐसा नहीं होने दिया।

कोरोना संक्रमण काल पूरा होने के तीन साल बाद फिर से दुर्ग जिले में सिटी बस सेवा शुरू हुई है। बस संचालकों ने इस बस सेवा का विरोध किया। प्रदर्शनकारी सुबह से दुर्ग बस स्टैंड में बड़ी संख्या में पहुंचे थे। विरोध की सूचना मिलने पर दुर्ग सीएसपी वैभव बैंकर खुद पुलिस बल लेकर वहां पहुंचे। बस संचालकों ने सिटी बस को जाने से रोकने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उन्हें वहां से खदेड़ दिया। पुलिस अधिकारियों ने उन्हें जिम्मेदार अधिकारियों से चर्चा करने को कहा। उन्होंने कहा कि सिटी बस सेवा जनहित के लिए है और इसे रोका नहीं जा सकता है। दुर्ग पुलिस के हस्तक्षेप के चलते निजी बस संचालक विरोध नहीं कर पाए।

बिना स्टॉपेज तय किए शुरू कर दी गई सिटी बस सेवा

दुर्ग जिला मिनी बस मालिक संघ के अध्यक्ष प्रकाश देशलहरा का कहना है कि सरकार सिटी बस के रूप को राजपत्र में पब्लिश करे। नगर निगम सिटी बस का स्टॉपेज तय करे। रूट तय करने से सिटी बस सेवा शुरू नहीं हो जाती है। वह कहां से सवारी उठाएगी उसका स्टॉपेज तय किया जाना चाहिए। इस तरह बिना तैयारी बस सेवा शुरू करना पूरी तरह से गलत है।

छावनी में बदला दुर्ग बस स्टैंड

दुर्ग पुलिस सैकड़ों की संख्या में बस स्टैंड पर तैनात रही। दुर्ग सीएसपी वैभव बैंकर का कहना है कि उन्हें सूचना मिली थी कि यहां सिटी बस सेवा का विरोध किया जा रहा है। शासन के निर्देश पर पुलिस बल यहां तैनात किया गया है। हमें निर्देश दिया गया है कि यहां किसी भी प्रकार की कोई परेशानी या बड़ा विरोध न होने दिया जाए।

कोविड काल के पहले से निर्धारित है रूट और स्टॉपेज

एसडीएम दुर्ग मुकेश रावटे का कहना है कि कोविड काल के बाद सिटी बस सेवा शुरू की गई है। इसका रूट पहले से निर्धारित है। उसी रूट में इसे शुरू किया गया है। कोविड के पहले भी सिटी बस चल रही थी। उस रूट में कोई बदलाव नहीं किया गया है। निजी बस संचालकों का विरोध गलत है। इसे बदला नहीं जा सकता है।