ये वही BJP है जो चुनाव के समय बोनस, बाद में कौन के फॉर्मूले पर काम करती रही है-मंत्री प्रेमसाय का BJP पर पलटवार

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रायपुर 3 नवंबर 2022: छत्तीसगढ़ में धान खरीदी को लेकर बीजेपी के बयान पर सहकारिता मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि जिस BJP के कार्यकाल में किसान आत्महत्या कर रहे थे, खेती छोड़ रहे थे। किसानी रकबा कम हुआ, उस BJP के पास फिलहाल कहने के लिए अब कुछ नहीं है तो जबरन राजनीति कर रहे हैं। ये वही BJP है जो चुनाव के समय में बोनस, बाद में कौन के फॉर्मूले पर काम करती रही है।

प्रदेश में एक नवम्बर से धान खरीदी का महाभियान शुरू हो गया है। धान खरीदी के दूसरे दिन तक प्रदेश के विभिन्न जिलो में किसानों से समर्थन मूल्य में 14 हजार 158 मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई है। धान खरीदी के एवज में किसानों को बैंक लिंकिंग व्यवस्था के तहत 281.06 करोड़ रुपये जारी किया गया है। राज्य शासन द्वारा समर्थन मूल्य पर धान खरीदी सहित किसान हितैषी योजनाओं से प्रदेश में खेती-किसानी में नए उत्साह का संचार हुआ है। खेती से दूर हो रहे किसान खेतों की ओर लौटे हैं और खेती का रकबा भी बढ़ा है। धान का रकबा बढ़कर 31.13 लाख हेक्टेयर हो गया है।

इस साल लगभग 110 लाख मीट्रिक धान का उपार्जन अनुमानित है। समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिए राज्य में 25.93 लाख किसानों का एकीकृत किसान पोर्टल में पंजीयन हुआ है। जिसमें लगभग 2.03 लाख नए किसान हैं। राज्य में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के लिए 2497 उपार्जन केन्द्र बनाए गए हैं। इस साल किसानों से सामान्य धान 2040 रुपये प्रति क्विंटल और ग्रेड-ए धान 2060 रुपये प्रति क्विंटल की दर से खरीदा जा रहा है।

पिछले साल 24.05 लाख किसानों ने पंजीयन कराया था। इस साल 2.03 लाख नए किसानों ने अपना पंजीयन कराया है। इस प्रकार पंजीकृत किसानों की संख्या बढ़कर 25.93 लाख हो गई है। पंजीकृत किसानों के धान का रकबा बढ़कर 31.13 लाख हेक्टेयर हो गया है। समर्थन मूल्य पर किसानों से धान की खरीदी की अधिकतम सीमा पिछले वर्ष के अनुसार 15 क्विंटल प्रति एकड़ लिंकिंग सहित निर्धारित की गई है।धान खरीदी के लिए बारदाने की व्यवस्था कर ली गई है। धान खरीदी के लिए सभी समितियों में पर्याप्त बारदाने की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है।

राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत खरीफ फसलों की उत्पादकता में वृद्धि और फसल विविधिकरण को बढ़ावा देने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा किसानों को प्रति एकड़ के मान से 9 हजार रुपये और धान की खेती के बदले अन्य फसलों की खेती करने वाले किसानों को प्रति एकड़ की मान से 10 हजार रुपये सब्सिडी दी जा रही है। बीते तीन वर्षों में राज्य के किसानों को 16 हजार 415 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी जा चुकी है।

साल 2019 में समर्थन मूल्य पर धान बेचने वाले 18.43 लाख किसानों को प्रति एकड़ 10 हजार रुपये के मान से 5627 करोड़ रुपये, वर्ष 2020 में 20.59 लाख किसानों को 5553 करोड़ रुपये और वर्ष 2021 में समर्थन मूल्य पर धान बेचने वाले 24 लाख किसानों को तीन किश्तों में 5235 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी जा चुकी है।वित्तीय वर्ष के अंत तक किसानों को चौथी किश्त के रूप में 1745 करोड़ रुपये की सब्सिडी और दी जाएगी. इस प्रकार इस राज्य के किसानों को कुल 6980 करोड़ रुपये सब्सिडी के रूप में मिलेंगे।