अध्यात्म में बड़ी शक्ति है,भारत देश अध्यात्म के कारण आजाद हुआ…. आचार्य हिमांशु कृष्ण

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आरंग – श्रीमद् भागवत महापुराण की कथा के दौरान भगवत आचार्य पंडित हिमांशु कृष्ण भारद्वाज ने श्रीमद्भागवत की कथा में भगवान श्री कृष्ण की चरित्र को बताते हुए कहा कि आजादी के समय एक संत बड़े-बड़े आंदोलनो में गीता बांटते थे। एक बार महात्मा गांधी जी भी आंदोलन में गीता को पकड़कर कहा कि यह गीता ही हमें आजादी दिलाएगी। उस समय महात्मा गांधी जी की बात सब मानते थे और उनका बहुत प्रभाव था इसलिए गीता का प्रचार हुआ और गीता को हर कोई स्वीकार करने लगा देखते-देखते गीता के माध्यम से हिंदुत्व जगने लगा। गीता ने क्रांतिकारियों के मन में ज्वाला जगा दी इसकी वजह से सभी लोग अपने पुत्रों को भारत देश की आजादी के लिए क्रांतिकारी बनाने लग गये। साधु संत भी अपने शिष्यों को क्रांतिकारी बना रहे थे … एक बार ऐसा फरमान जारी हुआ कि जहां कहीं भी हो गीता को अरेस्ट कर लो।

जब गांधी जी के पास अंग्रेज पहुंचे तो अंग्रेजो ने महात्मा गांधी से पूछा कि आपने गीता को कहीं देखा है तो महात्मा गांधी ने अपने जेब से निकाल कर एक छोटी सी भगवत गीता की पुस्तक दे दी। वह पुस्तक देखकर अंग्रेजों का दिमाग चकराया और उसी पुस्तक को ले जाकर महारानी विक्टोरिया को दिये। महारानी विक्टोरिया ने जब गीता को देखा तो उसके प्रभाव को देखकर वह भी तारीफ करने लग गई। तो गीता के माध्यम से हमारा देश धीरे धीरे आजाद हो गया यह सब श्रीमद् भगवत गीता का ही प्रभाव रहा है।

जिस देश का मूल खो जाता है, वहा विनाश निश्चित है… महाराज श्री ने भागवत महापुराण की कथा के बीच में बताया कि विश्व में ऐसे कई देश हुए हैं जहां पहले हिंदू रहते थे पर धीरे-धीरे उन देशों में हिंदुओं को मारा जाने लगा उनका कत्ल करने लगा वैसे देश आज के समय में अपने मूल हो चुका है आप चाहे तो आज उदाहरण के रूप में पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश, और श्रीलंका इसका ताजा उदाहरण है इन देशों में सुख शांति नहीं है। हिंदुत्ववादी देश में सुख और शांति रहता है। आने वाले समय में पूरे विश्व के अंदर हिंदुत्व का डंका भारत का बजेगा। आने वाले समय में ऐसे कई अवतार आएंगे, जो विश्व में हिंदुत्व का डंका बजाएंगे। आज यूक्रेन जैसा देश भारत से मदद मांग रहा है भारत ही हमारी रक्षा कर सकता है यह हिंदुत्व की ताकत है।हिंदुओं का धर्म परिवर्तन पैसे के लिए नहीं, जाति गत भेदभाव की वजह से है…. महाराज श्री ने भारत और छत्तीसगढ़ के महत्व को बताते हुए कहा कि धर्म परिवर्तन कर रहे हैं उसका कारण गरीबी, भूख,और धन नहीं है। परिवर्तन का मूल कारण जातिवाद है। जब तक हम एक दूसरे की जाति को छोटा समझेंगे वजूद की भावना से देखेंगे तब तक हिंदुत्व छत्तीसगढ़ में प्रभावशाली नहीं हो सकता । ईसाइयों ने धर्म परिवर्तन के लिए बहुत पैसा खर्च किया। ऐसे में हमें जाती पाती पूछने के भेदभाव को मिटाने की जरूरत है।।छुआछूत की भावना किसी भी धर्म ग्रंथ में नहीं लिखा है….. महाराज श्री ने आगे बताया कि छुआछूत की व्यवस्था कैसे आई, किस कारण से आई। किसी को नहीं पता। किसी भी धर्म ग्रंथ में नहीं लिखा है किसी को छुआछुत की नजर से देखे। सतनाम धर्म के लोग भी मनुष्य है और अन्य धर्म के लोग भी मनुष्य है तो फिर किस बात की छुआछूत। बाबा गुरु घासीदास ने भी छुआछूत की भावना दूर करने के लिए ही कार्य किया और सभी मनुष्यों को एक समान बताया।सतनाम समाज औरंगजेब के खिलाफ लड़ने वाले लोग है।वही जिस वाल्मीकि ने रामायण की रचना की और आज हम जिस रामायण को जगह जगह वाचन कर रहे हैं। ऐसे परम पूज्य ऋषियों के वंशज है सतनाम समाज। इसलिए जाती पाती और भेदभाव को दूर रखना चाहिए। गोवर्धन पूजा के साथ ही लगा छप्पन भोग…. श्रीमद् भागवत कथा में भगवान कृष्ण की लीलाओं के वर्णन के साथ छप्पन भोग लगाया गया इस दौरान भागवत की भक्ति में भक्त झूमते गाते नजर आए, वही कृष्ण कन्हैया लाल के बाल रूप का जीवंत झांकी निकाली गई। श्रीमद्भागवत महापुराण के आयोजन के दौरान मुख्य रूप से पूनम चंद्राकर जी पूर्व मंत्री, संपत अग्रवाल बसना, धनंजय परिहार शिवसेना प्रदेश प्रमुख, चंद्रहास चंद्राकर, छोटे लाल सोनकर, किरण बघेल, प्रकाश चंद्राकर, मधुकर पांडे, राकेश शर्मा जिला सचिव, नरसिंह साहू, जितेंद्र शर्मा, हिमांशु शर्मा, संजय जी, रिंकू चंद्राकर, आशा वैष्णव मुख्य यजमान एवं संयोजक वेदराम मनहरे, श्रीमती सुषमा संतोष देवांगन, सीमा नरेंद्र लोधी, तुलेश्वरी लखन साहू, रोशनी राजेश साहू, रेवती राधेश्याम साहू, चंपा निश्चित अग्रवाल, भगवती रविशंकर देवांगन, पुष्पा मुकेश साहू, अर्चना सूरज शर्मा के साथ 7 हजार की संख्या में भक्तों की उपस्थिति रही।