राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की रिपोर्ट से खुलासा, 9 साल में स्कूलों-आंगनबाड़ियों में चेक-अप 25% बढ़ा

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भिलाई: प्रदेश में बीमार बच्चों की संख्या घट रही है। स्कूलों व आंगनबाड़ियों में होने वाले हेल्थ चेकअप प्रोग्राम की रिपोर्ट से इसका खुलासा हो रहा है। 9 साल में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत होने वाले इन हेल्थ चेक-अप कैंप में तो 25 % की बढ़ोतरी हुई है, लेकिन बीमार बच्चों की संख्या 8% कम हो गई है। 2014-15 तक प्रदेश में हर साल 23% बच्चे बीमार मिल रहे थे, अब 15% मिल रहे हैं। कोरोना काल के दो वर्ष छोड़कर 2014-15 के बाद हर अगले साल हेल्थ चेकअप कराने वाले बच्चों की संख्या बढ़ी है। लेकिन बीमारी से पीड़ित बच्चों की संख्या इसके समानांतर कम होती गई है।

बीते पांच वर्ष का औसत देखें तो स्कूलों और आंगनबाड़ियों में दाखिल बच्चों में 15% बीमार मिल रहे हैं। प्रदेश में स्कूलों की संख्या 47851(5064864 छात्र) और आगनबाड़ी 50126 (2587981 छात्र) हैं। दोनों को जोड़ दे तो कुल छात्र संख्या 7652857 हो जाती है।

कोरोना काल में कैंप कम हुए, लेकिन बीमार बच्चे ज्यादा मिले

वर्ष 2020-21 पूरी तरह से कोरोना प्रभावित रहा। 2021-22 में कोरोना के अलावा अन्य गतिविधियां संचालित करने की थोड़ी जगह मिली। इस वजह 2020-21 में स्कूलों व आंगनबाड़ियों में हेल्थ-चेक कैंप न के बराबर हुए, लेकिन कोरोना का प्रभाव साफ दिखाई दिया। 29 % बच्चे बीमारियों से पीड़ित मिले।

नक्सल जिलों में चेक-अप कम, बीमारी ज्यादा

बस्तर,सुकमा, दंतेवाड़ा और नारायणपुर जिलों में औसतन 60% स्कूलों और आंगनबाड़ियों में बच्चों को हेल्थ चेक-अप हो रहा है। इसमें भी 20 % तक बच्चे बीमार मिल रहे हैं।

मॉनिटरिंग इसलिए बीमारी कम हो रही

स्वास्थ्य विभाग गर्भ में आने के बाद से मां व बच्चे की मॉनिटरिंग करता है। आंगनबाड़ियों में बच्चों का ख्याल रखने व टीकाकरण से इम्युनिटी बेहतर हुई। इससे पीड़ित कम मिल रहे हैं।