आदिवासी के बाद SC आरक्षण पर मचा बवाल, अनुसूचित जाति के लिए 13% आरक्षण का विरोध

बिलासपुर 1 दिसंबर 2022: छत्तीसगढ़ में आरक्षण को लेकर मचा घमासान कम होने के बजाए बढ़ने लगा है। अनुसूचित जाति की आरक्षण 16%से कम कर 13% करने को लेकर जहां भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा विरोध कर रहा है। वहीं, अब बहुजन समाज पार्टी भी आरक्षण के विरोध में लामबंद होने लगी है। पार्टी के पदाधिकारियों ने जिसकी जितनी संख्या भारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी का नारा दे रहे हैं,और इस मुद्दे को लेकर अब बड़ा प्रदर्शन करने की तैयारी में हैं।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में बीते गुरुवार को हुई कैबिनेट की बैठक में आरक्षण का नया कोटा तय किया गया है। सरकार ने जहां आदिवासी वर्ग-ST को उनकी जनसंख्या के अनुपात में 32% आरक्षण देने का फैसला लिया है। वहीं, अनुसूचित जाति-SC वर्ग को पहले से दी जा रही 16% आरक्षण को कम कर 13% कर दिया है। इसके साथ ही सबसे बड़े जातीय समूह बताकर अन्य पिछड़ा वर्ग-OBC को 27% आरक्षण देने का निर्णय लिया है। राज्य सरकार ने सामान्य वर्ग के गरीबों को 4% आरक्षण देने के लिए विधेयक लाकर प्रारूप को मंजूरी दी है।
हाईकोर्ट के आदेश कीअवहेलना
बहुजन समाज पार्टी ने 16% आरक्षण को बाहल करने की मांग की है। पार्टी के नेताओं का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट ने अनुसूचित जाति वर्ग को 16 फीसदी आरक्षण देने का प्रावधान लागू किया है। लेकिन इसे छत्तीसगढ़ राज्य में 13% कर दिया गया है। इससे अनुसूचित जाति वर्ग को सरकारी नौकरियां पाने में नुकसान होगा। इसके लिए उन्होंने कलेक्टर के माध्यम से राज्य सरकार से 16% आरक्षण को बहाल करने की मांग की है।
नेता बोले- SC हित में करेंगे जन आंदोलन
बहुजन समाज पार्टी के नेता हेम मिरि ने कहा कि शुरू से ही हमारी पार्टी भारतीय संविधान का पालन करती है। संविधान में जिस तरह से प्रावधान है, जिसकी जितनी संख्या भारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी के हिसाब से अविभाजित मध्यप्रदेश में 16% आरक्षण दिया जा रहा था। लेकिन, नए विधेयक में राज्य सरकार ने आरक्षण को कम कर 13% कर दिया है। सरकार का यह फैसला अनुसूचित जाति वर्ग के साथ अन्याय है और दुर्भाग्यजनक है। उन्होंने आरक्षण 16% बहाल नहीं करने पर पार्टी के बैनर तले सरकार के खिलाफ में आंदोलन करने की चेतावनी दी है।