छत्तीसगढ़भाटापारा

बलौदा बाजार स्कूल शिक्षा विभाग के कारनामे से कलेक्टर भी महसूस कर रहे है शर्मिंदगी, अधिकारियो की मिलीभगत या फिर कुछ और….क्या है मामला जानिए आप भी…

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बलौदा बाजार। शिक्षा विभाग बलौदा बाजार में आए दिन अलग-अलग किस्से सुनने को मिलते हैं । अभी कुछ दिन पहले ही कसडोल विकासखंड के देवरुंग में एक बात सामने आई थी कि एक शिक्षक अपनी जगह पर किराए के शिक्षक रखकर उसे स्कूल में भेजता है और किराए का शिक्षक स्कूल में शिक्षक के स्थान पर बच्चों को पढ़ाने का काम करता है। उसके एवज में सरकारी शिक्षक, किराए के शिक्षक को पैसे भी देता है। इस मामले में अचरज की बात यह रही कि बीईओ और संकुल समन्वयक को लंबे समय तक इसकी जानकारी नहीं लगी। वहीं अब जिला पंचायत सीईओ ने आदेश जारी कर अप्रैल 2014 के बाद से भाटापारा के देवरी में अनुपस्थित शिक्षिका मैगदलीन अंथोनी की सेवा समाप्ती का आदेश जारी किया है। एक और मामला सामने आया है कि बलौदा बाजार जिले के कसडोल विकासखंड के स्कूलों में अतिथि शिक्षकों की भर्ती की गई, जिनके पास ना तो बी.एड की डिग्री है और ना ही डी. एड की। इस मामले में BEO ने कहा है कि सीएम साहब आने वाले थे, इसलिए जल्दी–जल्दी में अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति कर दी, ताकि सीएम साहब के पास कोई शिकायत न हो। ऐसे में आप समझ सकते हैं कि बलौदा बाजार जिले में शिक्षा विभाग और शिक्षा का क्या हाल है? बलौदा बाजार जिले के ही अब शिक्षा विभाग में एक और नया मामला सामने आया है। यह मामला इस बार काफी संवेदनशील है, क्योंकि बीते वर्ष जब सहायक शिक्षक (एलबी) की पदोन्नति की गई, तो इसमें नियमों को दरकिनार कर ऐसे सहायक शिक्षक (एलबी) को प्रधान पाठक के पद पर आसीन कर दिया गया जो नियम के विपरीत था। यह हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि उन नियुक्तियों की हमें जानकारी मिली है। दरअसल, कसडोल विकासखंड के मड़कड़ा में पदस्थ सहायक शिक्षक (एलबी) हेमचंद पटेल ने जिले के जिला शिक्षा अधिकारी और कलेक्टर को पत्र के माध्यम से शिकायत की है कि जब बीते वर्ष सहायक शिक्षक (एलबी) की पदोन्नति प्रधान पाठक के रूप में की जा रही थी, तो उनको यह कह कर पदोन्नति का लाभ नहीं दिया की वह तय नियम को फॉलो नहीं करते हैं। जबकि उनके साथ नियुक्त हुए अन्य 2 सहायक शिक्षकों को उस प्रमोशन का लाभ दे दिया गया। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या एक विभाग में तीन शिक्षकों के लिए अलग-अलग नियम निकलते हैं या फिर अपने लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए नियम को दरकिनार कर, जहां एक को अपात्र बता दिया जाता है। वहीं 2 शिक्षकों को पात्र बताकर उनकी पदोन्नति कर दी जाती है। दरअसल, पिछले साल हुई प्रधान पाठक की पदोन्नति में जिले भर के शिक्षकों से आवेदन मंगाए गए थे और इस लिस्ट में उन शिक्षकों का नाम शामिल होना था जिनका नियुक्ति के समय के बाद एक विकासखंड से दूसरे विकासखड में तबादला नहीं हुआ है। उन सहायक शिक्षकों को ही वरिष्ठता का लाभ मिलता और प्रधान पाठक के पद पर पदोन्नत किया जाता । ऐसे में आवेदक हेमचंद पटेल को लगा कि वह इस नियम को फॉलो नहीं करते इसलिए उसे आवेदन करने के बाद भी अपात्र घोषित कर दिया है। लेकिन जब पदोन्नत प्रधान पाठकों की सूची आई, तो लिस्ट में 2 शिक्षक ऐसे भी है जिनकी नियुक्ति हेमचंद पटेल के समय हुई थी और उनका भी तबादला अन्य विकासखंड में हुआ था । लेकिन, आश्चर्य की बात यह रही कि प्रधान पाठक के पदोन्नति लिस्ट में हेमचंद पटेल का नाम तो नहीं रहा, लेकिन दो सहायक शिक्षक जिनके नाम हेमराज मेश्राम और कुमारी भाई ठाकुर, उनका नाम इस लिस्ट में था। इन दोनों शिक्षकों की नियुक्ति भी हेमचंद पटेल के नियुक्ति वर्ष में हुई थी और इन दोनों शिक्षकों का तबादला भी जिले के अन्य विकास खंडों में किया गया था। लेकिन, ताज्जुब की बात यह रही कि हेमचंद पटेल को इस वजह से प्रधान पाठकों की पदोन्नति सूची में जगह नहीं मिली क्योंकि उनका अन्य विकास खंड में तबादला हो गया था जबकि इन दोनों शिक्षकों का अन्य विकास खंड में तबादला होने के बावजूद इनको प्रमोशन का लाभ मिल गया। मामले को लेकर सहायक शिक्षक एलबी हेमचंद पटेल ने जिले के कलेक्टर के साथ जिले के शिक्षा अधिकारी से भी शिकायत कर मांग की है कि उन्हें भी उन नियमों के तहत जिन नियमों से इन दोनों शिक्षकों की पदोन्नति हुई है। उनका भी पदोन्नति सूची में नाम डाला जाए, लेकिन 17 अक्टूबर 2022 को दिए आवेदन पर अभी तक जिले के कलेक्टर और जिले के शिक्षा अधिकारी ने कोई संज्ञान नहीं लिया है। ऐसे में सवाल उठता है कि अब यह शिक्षक अपनी फरियाद लेकर किसके पास जाए? वैसे शिक्षा विभाग और स्वास्थ्य विभाग को काफी महत्वपूर्ण विभाग माना जाता है और इन दोनों विभागों में ऐसे लोगों की नियुक्ति की जाती है, जिनके पास काफी तजुर्बा होता है साथ ही उच्च पद पर ऐसे व्यक्तियों को बिठाया जाता है जिनके पास तजुर्बे का बेहद लंबा इतिहास रहता है । लेकिन, जिस प्रकार से बलौदा बाजार के शिक्षा विभाग के प्रधान पाठक पदोन्नति में नियमों को दरकिनार किया गया। साथ ही बलौदा बाजार जिले के कसडोल विकासखंड में अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति बगैर पात्र लोगों की कर दी गई । ऐसे में सवाल उठता है कि क्या शिक्षा विभाग ऐसा करके बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं कर रहा है? सवाल काफी गंभीर हैं, लेकिन शायद जवाब कुछ भी नहीं। अब देखना महत्वपूर्ण होगा कि सहायक शिक्षक हेमचंद पटेल को न्याय मिल पाता है भी या नहीं?