छत्तीसगढ़

सभी जिलों में छत्तीसगढ़ महतारी की प्रतिमाएं लगेंगी, सरकारी दफ्तरों में फोटो भी

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रायपुर 2 नवंबर 2022: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मंगलवार को प्रदेश के सभी जिलों में छत्तीसगढ़ महतारी की प्रतिमा लगाने की घोषणा की। इसके साथ ही सभी सभी सरकारी दफ्तरों में छत्तीसगढ़ महतारी की फोटो भी लगेगी। रायपुर के कलेक्टोरेट चौक पर प्रतिमा का अनावरण करते हुए सीएम बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ महतारी हमारे राज्य की अस्मिता, सम्मान और स्वाभिमान का प्रतीक है।

छत्तीसगढ़ की माटी की परंपरा और लोक संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए यह प्रतिमा स्थापित की गई है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार राज्य के पारंपरिक त्योहारों, खेलों, कला और संस्कृति को बढ़ावा देने पर विशेष ध्यान दे रही है। इससे पहले, सीएम भूपेश बघेल ने मंगलवार को साइंस कॉलेज मैदान पर राज्योत्सव तथा आदिवासी महोत्सव की नगाड़ा बजाकर शुरुआत की। राज्योत्सव 3 नवंबर तक चलेगा। इस दौरान राज्योत्सव स्थल पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ-साथ शिल्प ग्राम और प्रदर्शनी भी चलेगी।

राज्योत्सव की शुरुआत के मौके पर सीएम भूपेश ने राज्योत्सव के पोस्टल स्टैंप, लिफाफे और पिछले नृत्य महोत्सव की काफी टेबल बुक का विमोचन भी किया।राज्योत्सव की शुरुआत के वक्त सीएम के साथ स्पीकर डॉ. चरणदास महंत व कई मंत्री मौजूद थे। सीएम भूपेश ने राज्योत्सव को छत्तीसगढ़ियों का विजय दिवस बताया।

खूबसूरती को पूरी दुनिया तक पहुंचाएंगे

सीएम कहा कि आज ही के दिन हमारे पुरखों का संघर्ष सफल हुआ था। उन्होंने देश सभी राज्यों, केंद्रशासित प्रदेशों और दुनिया भर के जनजातीय कलाकारों को धन्यवाद देते हुए कहा कि देश दुनिया के आदिवासी कलाकार हमारी खुशियों में शामिल होने आए हैं। जब हमने राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव की शुरुआत की, तब हमने यही सोचा था कि इस प्लेटफार्म के माध्यम से हम अपनी सांस्कृतिक खूबसूरती को पूरी दुनिया तक पहुंचाएंगे।

अब इसका कैनवास काफी बबड़ा हो चुका है। इसमें देश ही नहीं बल्कि दुनिया के कई देशों के जनजातीय समुदाय अपनी भागीदारी निभा रहे हैं। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए स्पीकर डॉ. चरणदास महंत ने कहा कि छत्तीसगढ़ के लिए आज गौरव का दिन है। पर्यटन एवं गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू व संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत ने भी संबोधित किया।

इस अवसर पर प्रदेश के मंत्री रविन्द्र चौबे, मोहम्मद अकबर, अनिला भंेड़िया, कवासी लखमा, डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, गुरु रूद्र कुमार एवं डॉ. शिवकुमार डहरिया, के अलावा संसदीय सचिव और विधायक, निगम-मंडलों के अध्यक्ष, इजिप्ट के काउंसलर इमेज, टोगो के माजा और हरियाणा के प्रमुख सचिव संस्कृति डी. सुरेश भी मौजूद थे।