देशराज्यव्यापार

केंद्र सरकार डीएपी खाद की उपलब्धता को लेकर राज्यों, रेलवे व उर्वरक कंपनियों के साथ मिलकर कार्रवाई कर रही है

New Delhi: भारत सरकार के उर्वरक विभाग ने कई चुनौतियों के बावजूद राज्यों को डाई-अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) खाद की पर्याप्त आपूर्ति बनाए रखने की दिशा में कई कदम उठाए हैं।

प्रमुख आपूर्तिकर्ताओं द्वारा भारत को कम निर्यात तथा लाल सागर संकट जैसी मौजूदा भू-राजनीतिक परस्थितियों के कारण इस वर्ष डीएपी की आपूर्ति प्रभावित हुई।

राज्यों की मांग को पूरा करने के लिए भारत डीएपी की आयातित आपूर्ति पर निर्भर है। वर्तमान में डीएपी की लगभग 60 प्रतिशत उपलब्धता आयातित आपूर्ति से पूरी होती है।

इसके अलावा, घरेलू उत्पादन भी कच्चे माल के आयात पर निर्भर करता है। लाल सागर संकट के कारण फॉस्फोरिक एसिड सहित जहाजों को ‘केप ऑफ गुड होप’ के रास्ते से गुजरना पड़ा, जिसके कारण यात्रा का समय लंबा हो गया और आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान उत्पन्न हुआ।

कई वैश्विक कारकों के बावजूद, इस रबी सीजन 2024-25 में विभिन्न बंदरगाहों पर 17 लाख टन से अधिक डीएपी पहुंचा और अक्टूबर और नवंबर 2024 में राज्यों को भेजा गया। इसके अलावा लगभग 6.50 लाख टन घरेलू उत्पादन राज्यों को उपलब्ध कराया गया। अक्टूबर और नवंबर 2024 में राज्यों को आपूर्ति की गई आयातित और घरेलू डीएपी खाद, अब तक राज्यों में उपलब्ध बफर स्टॉक को छोड़कर लगभग 23 लाख टन हो गई है।

इसके अलावा, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश जैसे प्रमुख राज्यों ने पिछले रबी सीजन की तुलना में 5 लाख टन अधिक विभिन्न ग्रेड के एनपीकेएस का उपयोग किया है। पूरे देश में, पिछले रबी सीजन की तुलना में 10 लाख टन अधिक एनपीकेएस की खपत की है।

Share this

Kailash Jaiswal

"BBN24 News - ताजा खबरों का सबसे विश्वसनीय स्रोत! पढ़ें छत्तीसगढ़, भारत और दुनिया की ब्रेकिंग न्यूज, राजनीति, खेल, व्यवसाय, मनोरंजन और अन्य अपडेट सबसे पहले।"

Related Articles

Back to top button