देश के सर्वोच्च न्यायाधीश का वेतन, भत्ते और रिटायरमेंट लाभ—सब कुछ एक नजर

नई दिल्ली: देश के 53वें मुख्य न्यायाधीश (CJI) के रूप में जस्टिस सूर्यकांत का कार्यभार संभालने के साथ ही आम जनता में यह जिज्ञासा बढ़ गई है कि भारत के सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश और अन्य जजों को कितनी सैलरी और सुविधाएं मिलती हैं।
सरकारी नियमों और केंद्रीय वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार, CJI को सिर्फ बेसिक सैलरी ही नहीं बल्कि कई भत्ते और सुरक्षा सुविधाएं भी प्रदान की जाती हैं।
मौजूदा वेतन ढांचे के अनुसार मुख्य न्यायाधीश को 2,80,000 रुपये प्रतिमाह बेसिक सैलरी मिलती है। इसके अलावा उन्हें मूल वेतन का 24 प्रतिशत हाउस रेंट अलाउंस (HRA) और 45,000 रुपये प्रतिमाह सत्कार भत्ता (Sumptuary Allowance) भी दिया जाता है। आवास के लिए 10 लाख रुपये का फर्निशिंग भत्ता भी उपलब्ध है।
रिटायरमेंट के बाद CJI को सुरक्षा और सम्मान के मद्देनजर 16.80 लाख रुपये सालाना पेंशन, महंगाई राहत भत्ता और 20 लाख रुपये की ग्रेच्युटी मिलती है।
सुप्रीम कोर्ट के अन्य जजों को 2,50,000 रुपये प्रतिमाह बेसिक सैलरी दी जाती है। इनके हाउस रेंट भत्ते की दर CJI की तरह ही मूल वेतन का 24 प्रतिशत है, जबकि सत्कार भत्ता 34,000 रुपये प्रतिमाह है। इन्हें फर्निशिंग अलाउंस के तौर पर 8 लाख रुपये मिलते हैं। रिटायरमेंट के बाद अन्य जजों को 15 लाख रुपये सालाना पेंशन और 20 लाख रुपये ग्रेच्युटी प्रदान की जाती है।
इस तरह, भारत के सर्वोच्च न्यायालय के जजों को उच्च पद की गरिमा के अनुरूप पर्याप्त वेतन और सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं, जो उनके समर्पण और न्यायपालिका में निभाए गए योगदान का सम्मान हैं।



