राम माधव बन सकते हैं BJP के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष, जल्द होगा फैसला

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (BJP) में नए राष्ट्रीय अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर चर्चाएं तेज़ हो गई हैं। देश की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी को अब तक नया अध्यक्ष नहीं मिला है, लेकिन सूत्रों के अनुसार जून के मध्य तक अध्यक्ष के नाम पर मुहर लग सकती है, और महीने के अंत तक आधिकारिक ऐलान भी हो सकता है।
हाल ही में पहलगाम आतंकी हमला और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के चलते इस प्रक्रिया पर अस्थायी विराम लग गया था। अब, पार्टी के भीतर मंथन का दौर शुरू हो चुका है और एक बार फिर संगठन में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है।
राम माधव की अध्यक्ष पद पर दावेदारी मजबूत
सूत्रों के मुताबिक, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़े वरिष्ठ नेता और बीजेपी के पूर्व महासचिव राम माधव को पार्टी का अगला अध्यक्ष बनाए जाने की संभावना प्रबल हो गई है। राम माधव लंबे समय तक संगठन में सक्रिय भूमिका निभा चुके हैं और जम्मू-कश्मीर, असम और त्रिपुरा जैसे राज्यों में पार्टी की सफलता में अहम भूमिका निभा चुके हैं।
राम माधव को 2014 में बीजेपी का राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया था। उन्होंने न सिर्फ पूर्वोत्तर में पार्टी का विस्तार किया, बल्कि रणनीतिक गठबंधनों और संगठनात्मक बदलावों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वे संघ के 100 साल पुराने ड्रेस कोड में बदलाव के पीछे भी प्रमुख माने जाते हैं।
कौन हैं राम माधव?
राम माधव आंध्र प्रदेश से आते हैं और 20 वर्ष की उम्र में ही संघ के प्रचारक बने थे। वे इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा धारक हैं और पॉलिटिकल साइंस में स्नातकोत्तर हैं। 2003 में उन्हें RSS का प्रवक्ता बनाया गया था। 2014 के बाद वे बीजेपी में सक्रिय भूमिका में आए और तब से लेकर आज तक उन्हें एक कुशल रणनीतिकार के रूप में देखा जाता है।
कई वरिष्ठ नेता रेस में, लेकिन माहौल राम माधव के पक्ष में?
राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की रेस में केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, शिवराज सिंह चौहान, मनोहर लाल खट्टर सहित कई वरिष्ठ नेता भी शामिल हैं। हालांकि, सूत्रों की मानें तो इस बार संगठन में जमीनी पकड़ और संघ के साथ गहरे संबंधों को प्राथमिकता दी जा सकती है, जिससे राम माधव की दावेदारी और मजबूत होती दिख रही है।
संगठनात्मक चुनाव की प्रक्रिया लगभग पूरी
बीजेपी के संविधान के अनुसार राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव से पहले राज्यों के संगठनात्मक चुनाव जरूरी होते हैं। अधिकांश राज्यों में यह प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और अब पार्टी नेतृत्व अध्यक्ष पद पर अंतिम निर्णय लेने की स्थिति में है। जल्द ही उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और मध्यप्रदेश में भी नियुक्तियों को अंतिम रूप दिया जा सकता है।