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BBN24/ 28 अगस्त 2024: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कोलकाता की आरजी कर मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर की दुष्कर्म के बाद हत्या की घटना पर गहरी चिंता और निराशा व्यक्त की है। उन्होंने इस जघन्य अपराध की कड़ी निंदा करते हुए देशभर में महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराधों पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। राष्ट्रपति ने कहा कि यह घटना न केवल उन्हें व्यक्तिगत रूप से भयभीत करती है, बल्कि पूरे समाज के लिए एक गंभीर चेतावनी है कि महिला अपराधों पर अब और चुप्पी नहीं साधी जा सकती। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि भारत इस ‘विकृति’ के प्रति सचेत हो और उस मानसिकता का निर्णायक रूप से मुकाबला करे, जो महिलाओं को कमतर समझने की भूल करती है।
राष्ट्रपति ने अपने बयान में महिला सुरक्षा के मुद्दे पर जोर देते हुए कहा कि कोई भी सभ्य समाज अपने बेटियों और बहनों के खिलाफ इस तरह के अत्याचारों की इजाजत नहीं दे सकता। उन्होंने कहा, “अब बहुत हो गया। हमें इस विकृति से व्यापक तरीके से निपटना चाहिए ताकि इसे शुरू में ही रोका जा सके।” राष्ट्रपति ने विशेष रूप से उन लोगों की मानसिकता पर हमला बोला जो महिलाओं को केवल एक वस्तु के रूप में देखते हैं और उनके खिलाफ अपराध करने को तैयार रहते हैं।
राष्ट्रपति मुर्मू ने अपने लेख में इस मुद्दे को गहराई से उठाते हुए कहा कि भारत के समाज को अब यह स्वीकार करना होगा कि इतिहास का सामना किए बिना प्रगति संभव नहीं है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि महिला सुरक्षा के लिए हमें एक समग्र दृष्टिकोण अपनाना होगा, जिसमें समाज के सभी वर्गों को शामिल करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि “हमारे पास अपनी बेटियों के प्रति यह दायित्व है कि हम उनके भय से मुक्ति पाने के मार्ग में आने वाली बाधाओं को दूर करें।”
उन्होंने दिल्ली के 2012 के निर्भया कांड का भी उल्लेख किया, जिसमें पूरे देश में उबाल आया था और कई योजनाओं व कानूनों में सुधार किए गए थे। उन्होंने सवाल किया कि क्या हमने वास्तव में उस घटना से सबक सीखा है, क्योंकि तब से लेकर अब तक कई और त्रासदियाँ हुई हैं, जिनमें से केवल कुछ ने ही देश का ध्यान खींचा है। राष्ट्रपति ने कहा कि इन घटनाओं को समाज ने भूलने की कोशिश की है, जो केवल और अधिक जघन्य अपराध होने पर ही फिर से याद आती हैं।
अपने लेख में उन्होंने यह भी बताया कि रक्षा बंधन के अवसर पर स्कूली बच्चों के एक समूह के साथ उनकी मुलाकात हुई थी, जिसमें बच्चों ने उनसे पूछा था कि क्या भविष्य में निर्भया जैसी घटना फिर कभी नहीं होगी। इस प्रश्न ने राष्ट्रपति को झकझोर कर रख दिया और उन्होंने इस पर विचार किया कि क्या वास्तव में समाज ने अपने सबक सीखे हैं। उन्होंने कहा कि हमें इस समस्या से सामूहिक रूप से निपटना होगा और महिलाओं की सुरक्षा को सर्वोपरि रखना होगा, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं कभी दोहराई न जा सकें।
राष्ट्रपति ने अपने इस लेख में यह स्पष्ट किया कि महिलाओं के खिलाफ अपराधों पर अब और चुप्पी नहीं साधी जा सकती और इसके खिलाफ पूरे देश को एकजुट होकर खड़ा होना होगा। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि हम इस विकृति को जड़ से समाप्त करने के लिए ठोस कदम उठाएं और महिलाओं को समानता, सुरक्षा और सम्मान के साथ जीने का अधिकार दिलाएं।