राज्य

स्वास्थ्य विभाग की कारेवाही: बिना अनुमति संचालित 12 निजी चिकित्सा संस्थानों को नोटिस जारी

BBN24/28 अगस्त 2024:  प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार और मरीजों को उच्च गुणवत्ता की चिकित्सा सुविधाएँ सुनिश्चित करने के उद्देश्य से, स्वास्थ्य विभाग ने बिना वैध अनुमति से संचालित निजी अस्पतालों और डायग्नोस्टिक सेंटरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश जारी किए हैं। इसी कड़ी में, बलौदाबाजार जिले के कसडोल विकासखंड में 12 निजी चिकित्सा संस्थानों का निरीक्षण किया गया, जहाँ नर्सिंग होम एक्ट के तहत बिना पंजीकरण के संचालन किए जाने की जानकारी प्राप्त हुई। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. राजेश कुमार अवस्थी के नेतृत्व में एक विशेष टीम ने इन संस्थानों पर छापा मारकर उनकी जांच की और संचालकों को नोटिस जारी किए गए, जिसमें वैध अनुमति प्राप्त करने की अंतिम चेतावनी दी गई है।

सीएमएचओ डॉ. अवस्थी ने बताया कि जिले में अवैध रूप से संचालित चिकित्सा संस्थानों की पहचान और उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए एक विशेष टीम का गठन किया गया है। इस टीम का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी चिकित्सा संस्थान राज्य के नर्सिंग होम एक्ट और अन्य प्रासंगिक नियमों के तहत पंजीकृत हों और मरीजों को सुरक्षित एवं विश्वसनीय सेवाएं प्रदान करें। टीम ने आज जिन 12 चिकित्सा संस्थानों का निरीक्षण किया, उनमें से सभी संस्थान बिना पंजीकरण के पाए गए, जो कि कानून का स्पष्ट उल्लंघन है।

नोटिस में स्पष्ट किया गया है कि बिना अनुमति के चिकित्सा संस्थान संचालित करने पर राज्य उपचर्या गृह तथा रोगोपचार संबंधित स्थापनाएँ अनुज्ञापन नियम 2010 के तहत पहली बार दोषी पाए जाने पर संचालक पर 20,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। अगर दूसरी बार ऐसा करने पर दोष सिद्ध होता है, तो संचालक को तीन वर्ष तक का कारावास, 50,000 रुपये का जुर्माना, या दोनों की सजा हो सकती है। यह कदम मरीजों की सुरक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए उठाया गया है।

जिन चिकित्सा संस्थानों की जांच की गई, उनमें वर्मा पैथोलॉजी कटगी, गायत्री क्लीनिक कटगी, गुप्ता क्लीनिक कटगी, क्योर बे ई क्लीनिक कसडोल, रामगोपाल साहू लैब कसडोल, शर्मा मेटा पैथोलॉजी कसडोल, सिटी डेंटल केयर कसडोल, कबीर पैथोलॉजी कसडोल, वासु पैथोलॉजी छांछी, ओम हेल्थ सेंटर छांछी, श्री रत्ना क्लीनिक कसडोल और मानस पैथोलॉजी कसडोल शामिल हैं।

सीएमएचओ ने आगे बताया कि इस तरह की जांच और कार्रवाई जिले में लगातार जारी रहेगी ताकि सभी चिकित्सा संस्थान कानूनी रूप से संचालित हों और मरीजों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हो सकें। यह कदम राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं की पारदर्शिता और उत्तरदायित्व को बढ़ावा देने के साथ-साथ अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए भी आवश्यक है।

स्वास्थ्य विभाग की इस पहल का उद्देश्य न केवल अवैध रूप से संचालित चिकित्सा संस्थानों को बंद करना है, बल्कि यह सुनिश्चित करना भी है कि राज्य के सभी नागरिकों को विश्वसनीय और सुरक्षित चिकित्सा सुविधाएँ मिलें। सरकार की यह कार्रवाई प्रदेश के नागरिकों की सुरक्षा और स्वास्थ्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे न केवल चिकित्सा संस्थानों की जिम्मेदारी सुनिश्चित होगी, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता भी बढ़ेगी।

Share this

Kailash Jaiswal

"BBN24 News - ताजा खबरों का सबसे विश्वसनीय स्रोत! पढ़ें छत्तीसगढ़, भारत और दुनिया की ब्रेकिंग न्यूज, राजनीति, खेल, व्यवसाय, मनोरंजन और अन्य अपडेट सबसे पहले।"

Related Articles

Back to top button