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Pitru PakshaDesk: श्राद्ध पक्ष के दौरान शुभ कार्य करना वर्जित है। इन दिनों में आप कोई भी शुभ कार्य या कोई भी मांगलिक कार्य नहीं कर सकते हैं, इन दिनों में नए कपड़े खरीदना वर्जित होता है।पितृ पक्ष में पड़ने वाली अष्टमी तिथि को हाथी पर सवार होकर देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है। इसीलिए इस दिन गजलक्ष्मी व्रत रखा जाता है। इसीलिए इस दिन को कृष्ण पक्ष की अष्टमी या कालाष्टमी कहा जाता है। आश्विन माह में दोनों पक्षों यानि कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष में पितरों और देवताओं का पूजन करना सर्वोत्तम माना गया है। महालया का अर्थ है पूर्वजों और देव-माता के मिलन की पूजा। महालया के एक सप्ताह बाद दुर्गा पूजा शुरू होती है। इसका मतलब यह है कि महालया पितरों और देवताओं को जोड़ने वाली कड़ी है। इस दिन अष्टमी तिथि पर श्राद्ध करने के बाद आप अपने जीवित पुत्र के सफल जीवन की कामना करते हैं। इस दिन महिलाएं दुखों से मुक्ति की कामना करती हैं। पितृ पक्ष की अष्टमी देवी लक्ष्मी को समर्पित है। इस दिन लोग खासतौर पर सोना खरीदते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस दिन सोना खरीदने से उसकी कीमत आठ गुना बढ़ जाती है। इसलिए गजलक्ष्मी व्रत के दिन सोना जरूर खरीदना चाहिए।इस दिन चांदी का हाथी खरीदना भी बहुत शुभ माना जाता है।
मंत्र जाप
महालक्ष्मी व्रत के दिन इन मंत्रों का जाप करें। ऐसा करने से आपके घर में सुख-समृद्धि आती है।
मंत्र: ॐ आद्यलक्ष्मय नमः। ॐ विद्यालक्ष्मय नमः। ॐ सौभाग्यलक्ष्मय नमः। ॐ अमृतलक्ष्मय नमः। ॐ कमलक्ष्मय नमः। ॐ सत्यलक्ष्मय नमः। ॐ भोगलक्ष्मय नमः। ॐ योगलक्ष्मय नमः।