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बलौदाबाजार – श्रम विभाग पंजीकृत मजदूरों की मौत के बाद आश्रितों को मिलने वाली राशि का बलौदा बाजार श्रम अधिकारी ने दलालों के साथ मिलकर गबन करने के मामले का खुलासा होने के बाद अब बहुचर्चित श्रम विभाग फर्जीवाड़ा मामले में कोतवाली पुलिस ने पहली गिरफ्तारी की है। इससे पहले पुलिस के पास 14 शिकायतें की गई थी जिस पर पुलिस एफआईआर दर्ज की थी। पुलिस अभी मुख्य आरोपी फरार है।श्रम विभाग से पंजीकृत मजदूरों को विभिन्न योजनाओं के तहत लाभ दिया जाता है। इसमें श्रमिकों की मौत के बाद उनके आश्रित परिजनों को 1- 1 लाख रुपए की अनुदान राशि दिए जाने का प्रावधान है। बलौदा बाजार में श्रम विभाग के अधिकारी की करतूत से मजदूरों के आश्रित जहां आर्थिक रूप से प्रभावित हुए वहीं समाज में दबे कुचले वर्ग के लिए काम करने वाले विभाग पर से लोगों का भरोसा काम हुआ है। अब तक की रिपोर्ट में आरोपियों द्वारा कुल 14 लाख रुपए का गबन किए जाने का मामला सामने आया है। बता दें कि प्रार्थीया टीकेश्वरी ध्रुव की रिपोर्ट पर कोतवाली पुलिस ने पेशेवर तरीके से फर्जीवाड़ा कर हितग्राहियों को अपने झांसे में लेने वाले बलौदा बाजार के तत्कालीन श्रम अधिकारी श्रम निरीक्षक मनोज मंडलेश्वर, मीना वर्मा, सुमित्रा ध्रुव और रुक्मिणी वर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया। मामले के आरोपियों की तलाश की जा रही थी, इस दौरान पुलिस ने एक आरोपी सुमित्रा ध्रुव को गिरफ्तार किया है। इस पूरे मामले में 14 शिकायत दर्ज कराई गई है। थाना प्रभारी अमित तिवारी ने बताया कि पुलिस इस मामले को गंभीरता से लेकर जांच कर रही है। हालांकि मुख्य आरोपी सरकारी अधिकारी मनोज मंडलेश्वर अब तक फरार है। अब देखना होगा कि फर्जीवाड़े के पूरे आरोपियों की कब तक गिरफ्तारी होती है।