पार्किंसंस रोग के प्रबंधन के लिए दवा के लिए नया स्मार्ट सेंसर विकसित

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New Delhi: वैज्ञानिकों ने एक किफायती, उपयोगकर्ता के अनुकूल, पोर्टेबल स्मार्टफोन-आधारित फ्लोरोसेंस टर्न-ऑन सेंसर प्रणाली विकसित की है जो पार्किंसंस बीमारी की रोकथाम में सहायता प्रदान कर सकती है। यह सेंसर शरीर में एल-डोपा की सांद्रता का सटीक पता लगाने में मदद करेगा, जिससे इस रोग की प्रभावी रोकथाम के लिए आवश्यक सटीक खुराक का निर्धारण करने में मदद मिलेगी।

पार्किंसंस रोग को न्यूरॉन कोशिकाओं में लगातार गिरावट से पहचाना जाता है जिससे हमारे शरीर में डोपामाइन (न्यूरोट्रांसमीटर) के स्तर में काफी कमी आ जाती है। एल-डोपा एक रसायन है जो हमारे शरीर में डोपामाइन में परिवर्तित हो जाता है, इसलिए यह एंटी-पार्किंसंस दवाओं के रूप में कार्य करता है।

यह डोपामाइन की कमी को पूरा करने में मदद करता है। जब तक शरीर को एल-डोपा की सही मात्रा दी जाती है, तब तक यह रोग नियंत्रण में रहता है। हालांकि, पार्किंसंस की प्रगामी प्रकृति के कारण, जैसे-जैसे रोगी की उम्र बढ़ती है, न्यूरॉन्स की निरंतर हानि को पूरा करने के लिए अधिक एल-डोपा की आवश्यकता होती है।

हालांकि, एल-डोपा की अधिक मात्रा से रोगी में डिस्केनेसिया, गैस्ट्राइटिस, साइकोसिस, पैरानोया ऑर्थोस्टेटिक हाइपोटेंशन जैसे गंभीर दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं, जबकि एल-डोपा की बहुत कम मात्रा से पार्किंसंस के लक्षण वापस आ सकते हैं।

इस रोग की चिकित्सा में एल-डोपा के अधिकतम स्तर की महत्वपूर्ण भूमिका को देखते हुए, जैविक तरल पदार्थों में एल-डोपा की निगरानी के लिए एक सरल, किफायती, संवेदनशील और त्वरित विधि विकसित करने की आवश्यकता है।

अभी हाल में, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के एक स्वायत्त संस्थान, विज्ञान और प्रौद्योगिकी में उन्नत अध्ययन संस्थान (आईएएसएसटी) ने जैविक नमूनों में एल-डोपा के निम्न स्तर का तुरंत पता लगाने के लिए फ्लोरोसेंस टर्न-ऑन मैकेनिज्म का उपयोग करते हुए एक किफायती, उपयोगकर्ता के अनुकूल, पोर्टेबल स्मार्टफोन-आधारित ऑप्टिकल सेंसर प्रणाली विकसित की है।