कोलकाता दुष्कर्म-हत्या मामला: शिमला में पीड़िता के न्याय की गुहार के लिए कैंडल मार्च निकाला गया

कोलकाता दुष्कर्म-हत्या मामला: शिमला में पीड़िता के न्याय की गुहार के लिए कैंडल मार्च निकाला गया
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BBN24/20 अगस्त 2024:   शिमला में सोमवार देर रात लोगों के एक समूह ने कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल की महिला चिकित्सक के लिए न्याय की मांग को लेकर मौन कैंडल मार्च निकाला। इस घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है, जहां एक डॉक्टर के साथ कार्यस्थल पर दुष्कर्म कर उसकी हत्या कर दी गई थी।

इस शांतिपूर्ण और प्रतीकात्मक प्रदर्शन का उद्देश्य न केवल दोषियों के लिए मृत्युदंड की मांग करना था, बल्कि महिलाओं की सुरक्षा के प्रति समाज को जागरूक करना और सार्वजनिक स्थानों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने की भी अपील करना था। इस मार्च का आयोजन ‘शिमला कलेक्टिव्स’ के बैनर तले किया गया, जिसमें विभिन्न पृष्ठभूमि के लोग शामिल हुए। उन्होंने मोमबत्तियां थामकर आरोपियों को कठोर सजा देने और पीड़िता को जल्द से जल्द न्याय दिलाने की मांग की। इसके अलावा, उन्होंने मृतक डॉक्टर को शहीद का दर्जा देने की भी मांग उठाई।

शिमला नगर निगम (एसएमसी) के पूर्व उप महापौर टिकेंद्र पंवार ने कहा, “मृत्युदंड और त्वरित न्याय ही दुष्कर्म जैसे घृणित अपराधों को रोकने का एकमात्र उपाय है। हम यहां सार्वजनिक स्थानों को महिलाओं के लिए सुरक्षित बनाने के लिए एकजुट हुए हैं।”

मार्च में शामिल चिकित्सक डॉ. स्वाति शर्मा ने इस अपराध को मानवता के खिलाफ बताया और कहा, “यह केवल किसी डॉक्टर या महिला के खिलाफ नहीं, बल्कि मानवता के खिलाफ अपराध है। लोग अक्सर पीड़िताओं के पहनावे को जिम्मेदार ठहराते हैं, लेकिन यहां एक डॉक्टर के साथ उसके कार्यस्थल पर दुष्कर्म हुआ और फिर उसकी हत्या कर दी गई। यह अत्यंत निंदनीय है।”

एक अन्य प्रदर्शनकारी, सायना मल्होत्रा ने कहा, “रक्षा बंधन के अवसर पर, जब हम भाइयों की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधते हैं, मैं देश के सभी पुरुषों से अपील करती हूं कि वे हर महिला की रक्षा करें, क्योंकि वह किसी न किसी की बहन और बेटी है।”

प्रदर्शनकारियों ने न केवल न्याय की मांग की, बल्कि उस डॉक्टर को शहीद का दर्जा देने की भी अपील की, जो घटना से 36 घंटे पहले तक अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रही थी। इस मामले में पहले से गिरफ्तार आरोपी पर केस को लेकर गंभीरता दिखाई गई है, और कलकत्ता उच्च न्यायालय ने मामले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दी है।

इस कैंडल मार्च ने न केवल पीड़िता के लिए न्याय की मांग को मजबूत किया, बल्कि समाज को यह संदेश भी दिया कि महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान के लिए हमें मिलकर खड़ा होना होगा।