बलौदाबाजार जिले के वन परिक्षेत्र के रेस्ट हाउस से मात्र 50 मीटर की दूरी पर हाथी के करंट से हत्या के मामले में दो आरोपी गिरफ्तार…. लापरवाह वन विभाग सवालों के घेरे में, जानिए क्या था पूरा मामला….?

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बलौदाबाजार वन मण्डल के देवपुर वन परिक्षेत्र के ग्राम पकरीद विश्राम गृह के सामने कोई 50 मीटर दूर गिद्धपुरी मार्ग पर करंट में चिपकने से हुई एक हाथी की मौत के तत्काल बाद ही वन अफसरों ने दो आरोपी शिकारियों को अलग अलग स्थानों गिरफ्तार किया है। आरोपियों के नाम नकुल सांवरा पिता रामेश्वर सांवरा उम्र 31 वर्ष, एवम जोहित बरिहा पिता नारायण बरिहा बताया जा रहा है। डीएफओ मयंक अग्रवाल ने कार्य में लापरवाही बरतने के कारण वनरक्षक अजीत सिंह ध्रुव को निलंबित कर दिया है।

आज वन विभाग की टीम ने दोनोंआरोपियों के घर में छापामार कार्रवाई की गई जहां पर उनके घर से कोई भी संदिग्ध सामान नहीं मिला।
बलौदाबजार वन मंडल के देव पुर क्षेत्र के ग्राम पकरीद में हाथी की मौत के मामले में नवनियुक्त डी एफ ओ मयंक अग्रवाल की सक्रियता से हाथी की मौत के आरोप में दो ग्रामीणो को गिरफ्तार किया गया है।आरोपीयो पर वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत कार्रवाई की गयी है।
विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पकरीद के पास सोमवार को हुए हाथी की मौत मामले में सोमवार को ही वन विभाग की टीम ने नवनियुक्त डीएफओ मयंक अग्रवाल के निर्देश पर छापामार कार्रवाई करते हुए ग्राम पकरीद के ही नकुल सांवरा पिता रामेश्वर सांवरा उम्र 31 वर्ष को चिखली थाना सांकरा के पास उसके रिश्तेदार के यहां कल सुबह गिरफ्तार किया गया था।इसके बाद वह दूसरे जोहित बरिहा पिता नारायण बरिहा फरार था।जिसे मंगलवार को वन विभाग द्वारा कंजिया(कसडोल) के पास ही पकड़ लिया गया।आरोपी पर वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 9, 50, 51, 52 के तहत कार्रवाई की गयी है। आज दोनों आरोपियों को बलौदा बाजार कोर्ट में पेश किया गया जहां पर उन्हें जेल भेज दिया गया।

ज्ञात हो कि सोमवार की सुबह बालोदा बाजार वन मण्डल के देवपुर वन परिक्षेत्र के ग्राम पकरीद विश्राम गृह के सामने कोई 50 मीटर दूर गिद्धपुरी मार्ग पर करंट में चिपकने से हुई एक और हाथी की मौत के बाद घटना स्थल पहुचे वन अफसरों ने घटना स्थल से भारी मात्रा में बिजली तार व बास खुटी जप्त किया था।

।।क्या वन विभाग को आरोपियों के बारे में पहले से पता था??।।

ग्रामीण सूत्रों ने एक चोंकाने वाला खुलासा करते हुए बताया कि वन विभाग को भी इस बात की जानकारी थी कि देवपुर परिक्षेत्र में कौन कौन ग्रामीण शिकार कर मांस का व्यवसाय कर रहा है।इसके परिणामस्वरुप ज़ब सोमवार को वन प्राणी हाथी की मौत शिकारियों द्वारा सरकारी रेस्ट हाउस के समीप होने की जानकारी मिली तब उन्होंने मामला तूल न पकड़े इसलिए तत्काल दोनों शिकारियों को गिरफ्तार कर लिया।यदि वन विभाग इन्ही शिकारियों पर पूर्व में ही गिरफ्तार कर शिकार रोक देती तो इस तरह की घटनाएं नही हो पाती।
।।पकरीद और गिद्धपुरी में 2-2 परिसर रक्षक।।,
।।चारो को विशालकाय हाथी की मौत की भनक तक नही।।
सरकारी तौर पर वन्य प्राणियों एवम वन अपराध रोकने के लिए घटना स्थल पकरीद एवम समीप के ग्राम गिद्धपुरी में कुल 4 परिसर रक्षी नियुक्त है।इनमे दो परिसर रक्षी के निवास से चंद कदमो पर ही एक हाथी विद्युत करंट से मारा जाता है परन्तु इन कर्मियों को इसकी जानकारी भी नही मिल पाती यहां तक कि कुछ ही दूरी में देवपुर वन परिक्षेत्र मुख्यालय भी है।इसके बावजूद हाथी की मौत के 3 दिन बाद तक इसकी जानकारी वन अफसरों को नही लगना इस बात का स्पस्ट संकेत देता है कि इस परिक्षेत्र के अफसर कर्मी न तो मुख्यालय में रहते है और न ही कभी क्षेत्र का दौरा ही करते है।