भारत वैश्विक ‘स्थिरता और विकास’ का लाइटहाउस : आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव

नई दिल्ली। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंगलवार को कहा कि जब पूरी दुनिया नीतिगत उथल-पुथल और अनिश्चितता का सामना कर रही है, उस समय भारत ‘स्थिरता और विकास’ का लाइटहाउस बनकर उभर रहा है। उन्होंने ग्लोबल इंडस्ट्री लीडर्स से भारत में निवेश करने का आग्रह किया।
राष्ट्रीय राजधानी स्थित यशोभूमि में ‘सेमीकॉन इंडिया 2025’ के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए मंत्री वैष्णव ने कहा कि भारत का सेमीकंडक्टर मिशन पूरी तरह पारदर्शी और पेशेवर तरीके से संचालित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के तहत शुरू किए गए इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन (आईएसएम) ने बहुत कम समय में उल्लेखनीय प्रगति दर्ज की है।
उन्होंने कहा, “इस अनिश्चित समय में भारत एक भरोसेमंद गंतव्य है। हमारी नीतियां स्थिर हैं। हमने सेमीकंडक्टर मिशन को पारदर्शी और प्रोफेशनल तरीके से प्रबंधित किया है।”
सेमीकंडक्टर क्षेत्र में तेज़ प्रगति
मंत्री वैष्णव ने जानकारी दी कि वर्तमान में देश में पांच सेमीकंडक्टर इकाइयों का निर्माण कार्य चल रहा है। इनमें से एक इकाई की पायलट लाइन पूरी हो चुकी है और प्रधानमंत्री को पहली ‘मेड-इन-इंडिया’ चिप भी भेंट की गई है। दो और इकाइयों में कुछ महीनों के भीतर उत्पादन शुरू होने की उम्मीद है, जबकि पांच अन्य इकाइयों के डिजाइन पर तेजी से काम जारी है।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारत ने पावर इलेक्ट्रॉनिक्स से लेकर उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोबाइल, रक्षा और रणनीतिक क्षेत्रों तक, सेमीकंडक्टर एप्लीकेशन्स के पूरे स्पेक्ट्रम को कवर करने का प्रयास किया है।
ग्लोबल विश्वास और भागीदारी
वैष्णव ने कहा कि भारत में वैश्विक विश्वास बढ़ रहा है और चिप निर्माण क्षेत्र के इकोसिस्टम पार्टनर पहले से ही देश में मौजूद हैं। सेमीकॉन इंडिया 2025 को इस क्षेत्र के भविष्य को आकार देने वाला प्रमुख मंच बताया जा रहा है, जिसमें 48 देशों के 2,500 से अधिक प्रतिनिधि, 150 से अधिक वक्ता (जिनमें 50 ग्लोबल लीडर्स शामिल हैं) और 350 से अधिक प्रदर्शक भाग ले रहे हैं। कुल मिलाकर 20,750 से अधिक प्रतिभागियों की उपस्थिति इस आयोजन को ऐतिहासिक बना रही है।