महोत्सव में महाराष्ट्र के नर्तक दल धनगरी ग़ज़ा नामक लोक नृत्य कर रहे हैं

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रायपुर, 02 नवम्बर 2022

राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव
राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव

– ध्वज छत्र इस नृत्य का मुख्य आकर्षण।

– हाथी के चलेने जैसा स्वरूप है इस नृत्य का, जिसमें छोटे बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक शामिल हैं।

– पीढ़ी दर पीढ़ी चलती है ये परम्परा, सांगली के कलाकारों द्वारा प्रस्तुत किया जा रहा है नृत्य।

– बांसुरी की तान, झाँझ सबसे मुख्य वाद्य यंत्र।

– इस नृत्य में शिव पार्वती का जुड़ाव दर्शाया गया है। माँ पार्वती रूठ गई है, इस दृश्य का भी प्रस्तुतिकरण कहा जा सकता है।