मित्रता हो तो भगवान कृष्ण और सुदामा की तरह होनी चाहिए….. आचार्य हिमांशु कृष्णयज्ञ हवन और पूर्णाहुति के साथ समापन हुआ श्रीमद् भागवत महापुराण यज्ञ….

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आरंग – आरंग नगर में आयोजित श्रीमदभागवत कथा का शनिवार को समापन हो गया। कथा के अंतिम दिन भी श्रीमद् भागवत का रसपान पाने के लिए भक्तों का सैलाब कथा स्थल पर उमड़ पड़ा। कथावाचक पंडित हिमांशु कृष्ण भारद्वाज ने श्रीमद् भागवत कथा का समापन कराते हुए कई कथाओं का भक्तों को श्रवण कराया। जिसमें प्रभु कृष्ण के 16 हजार एक सौ शादियो के प्रसंग के साथ, सुदामा प्रसंग और परीक्षित मोक्ष की कथायें सुनाई। इन कथाओं को सुनकर सभी भक्त भाव विभोर हो गए। कथा समापन के दौरान आचार्य हिमांशु कृष्ण भारद्वाज ने भक्तों को भागवत को अपने जीवन में उतारने की बात कही। जिससे सभी लोग धर्म की ओर अग्रसर हो। कथा के अंतिम दिन सुदामा चरित्र के माध्यम से भक्तों के सामने दोस्ती की मिसाल पेश की और समाज में समानता का संदेश दिया। साथ ही भक्तो को बताया कि श्रीमद् भागवत कथा का सात दिनों तक श्रवण करने से जीव का उद्धार हो जाता है तो वहीं इसे कराने वाले भी पुण्य के भागी होते है।

कथा के समापन के बाद भंडारे का आयोजन किया गया। जिसमें लगभग दस हजार भक्तों ने भंडारे में प्रसादी ग्रहण की। श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ सप्ताह के अंतिम दिवस कथा स्थल पर यज्ञ वेदी बनाकर पूजा अर्चना के साथ यज्ञ हवन और पूर्णाहुति की गई। जिसमें मुख्य यजमानो के साथ ही हजारों की तादाद में पहुंचे भक्तों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। वही पूर्णाहुति के साथ ही आरंग नगर में चल रहे श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ सप्ताह का भव्य समापन हुआ। इस दौरान मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे पूर्व मंत्री पुन्नूलाल मोहिले ने भगवताचार्य महाराज जी से आशीर्वाद लेते हुए भक्तों को संबोधित करते हुए कहा कि कई जन्मों का पुण्य जब उदय होता है तब हमें श्रीमद् भागवत कथा सुनने को मिलता है और हमारा भारत देश ऋषि मुनियों का देश है हमारे यहा ऋषि मुनियो की परंपरा शुरू से चली आ रही है और वही परंपरा आज भी नित्य चल ही रही है। ऋषि-मुनियों से हमें अनेक प्रकार का ज्ञान मिलता है जिसे हमें ग्रहण करना चाहिए। वर्तमान में गुरु घासीदास बाबा का पर्व भी चल रहा है सर्व समाज को उनसे भी प्रेरणा लेनी चाहिए। इस आयोजन के लिए पूर्व मंत्री ने आयोजन समिति के संरक्षक वेदराम मनहरे और सर्व समाज के द्वारा आयोजित इस भव्य श्रीमद् भागवत महापुराण की तारीफ की। इस अवसर पर मुख्य रूप मे पूर्व मंत्री पुन्नूलाल मोहिले, पूर्व विधायक संजय ढिढी, नवीन मार्कंडेय, श्याम नारंग, संपत अग्रवाल, दीपक बैस, बद्रीनाथ मनहरे, वेदराम खुटे के साथ हजारों की संख्या में भक्तों की उपस्थिति रही।