बस्तर का विकास: निवेश, रोजगार और समावेशी प्रगति की नई दिशा

बस्तर | बस्तर आज विकास की नई सुबह के प्रतीक के रूप में उभर रहा है। कभी नक्सल प्रभावित और उपेक्षित क्षेत्र अब निवेश, अवसर और रोजगार का केंद्र बन गया है। शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, उद्योग और पर्यटन में समावेशी विकास की गूंज पूरे संभाग में सुनाई दे रही है।
रेल और सड़क परियोजनाओं से बस्तर का कायाकल्प होगा। ₹5,200 करोड़ की रेल परियोजनाओं में रावघाट–जगदलपुर नई रेल लाइन और केके रेल लाइन का दोहरीकरण शामिल है। इससे यात्रा, व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और युवाओं के लिए रोजगार सृजित होंगे। ₹2,300 करोड़ की सड़क परियोजनाओं से कांकेर, धमतरी, कोंडागांव और बीजापुर तक बेहतर संपर्क सुनिश्चित होगा।
बस्तर में बड़े सार्वजनिक निवेश भी हो रहे हैं। एनएमडीसी द्वारा ₹43,000 करोड़ और सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल के लिए ₹200 करोड़ का निवेश किया जा रहा है। निजी क्षेत्र में भी ₹1,000 करोड़ का निवेश सेवा और एमएसएमई क्षेत्रों में किया जा रहा है।
स्वास्थ्य क्षेत्र में जगदलपुर में पहला 350 बेड का निजी मल्टी-स्पेशियलिटी अस्पताल और मेडिकल कॉलेज स्थापित किया जा रहा है। इसके साथ ही 33 करोड़ और 85 करोड़ रुपये के निवेश से अन्य आधुनिक अस्पताल बन रहे हैं।
कृषि और खाद्य प्रसंस्करण में भी नई पहल की गई है। बीजापुर, नारायणपुर, बस्तर और कोंडागांव में आधुनिक राइस मिल और फूड प्रोसेसिंग इकाइयाँ स्थापित की जा रही हैं। डेयरी, हॉस्पिटैलिटी, निर्माण और औद्योगिक क्षेत्रों में भी बस्तर में नए निवेश और रोजगार के अवसर बन रहे हैं।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने पिछले 20 महीनों में बस्तर के 100+ क्षेत्रों का दौरा कर विकास की नई उम्मीद जगाई। सुरक्षा शिविरों, सड़क, पुल, मोबाइल नेटवर्क और पुनर्वास नीति के माध्यम से नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में बदलाव आया है। दिसंबर 2023 से अब तक 453 नक्सली ढेर, 1,611 गिरफ्तार और 1,636 आत्मसमर्पित हुए।
औद्योगिक नीति 2024–30 और “बस्तर इन्वेस्टर कनेक्ट” से बस्तर निवेश, रोजगार और सामुदायिक सशक्तिकरण का केंद्र बन रहा है। पर्यटन, फार्मा, एग्रो-प्रोसेसिंग, टेक्सटाइल और आईटी में विशेष प्रोत्साहन दिए जा रहे हैं। एससी/एसटी उद्यमियों और आत्मसमर्पित नक्सलियों के लिए अतिरिक्त सब्सिडी और रोजगार योजनाएँ सुनिश्चित की गई हैं।
बस्तर अब संघर्ष की भूमि से समृद्धि, सुरक्षा और समावेशी विकास का प्रतीक बनकर उभर रहा है।