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बलौदाबाजार- बाबा गुरु घासीदास के जन्म स्थल गिरौदपुरी को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए प्रोजेक्ट तैयार करने और कलात्मक कार्य, मूर्ति निर्माण, म्यूरल्स कलात्मक लैंड स्केपिंग आदि कार्य होने थे। लेकिन ठेकेदार और आदिवासी विकास विभाग के अधिकारियों ने मिलकर 66 लाख 60 हजार रुपए की राशि को बिना काम किए ही निकाल लिया। इस बात की जानकारी होने के बाद एससीएसटी संघर्ष समिति छत्तीसगढ़ ने पुलिस अधीक्षक बलौदा बाजार को एफआईआर दर्ज करने की मांग की है। अपने शिकायत में समिति ने बताया है कि कार्य कराने के लिए कार्यालयीन आदेश क्रमांक/आ.वि/डीएमएफ/2018-19 बलौदा बाजार से 28 अगस्त 2018 को जारी किया गया था। इस आदेश में रायपुर के बी-205 अवंति एजीगंज सड्डू निवासी शैलेंद्र सिंह ठाकुर मेसर्स इंटियिर एवं ट्रायबल आर्ट डिजाईनर जगदलपुर को 66 लाख 60 हजार 562 रुपए का कार्य कराने के लिए आदेशित किया गया था। लेकिन यह निर्माण कार्य किया ही नहीं गया। उप अभियंता, अनुविभागीय अधिकारी, मुख्य कार्यपालन अधिकारी आदिवासी विकास ने मिलीभगत कर राशि का आहरण कर लिया है। समिति ने कहा है कि ठेकेदार शैलेंद्र सिंह ठाकुर, उप अभियंता, मुख्य कार्यपालन अधिकारी आदिवासी विकास बलौदा बाजार-भाठापारा के खिलाफ जालसाज व धोखेबाजी का। इन्होंने साजिश करके तत्कालीन सहायक आयुक्त को गलत जानकारी देकर अग्रिम राशि प्राप्त किया है। ठेकेदार व अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई करने की मांग की गई है। इस आवेदन के संबंध में जानकारी लेने पर बलौदा बाजार कोतवाली थाना प्रभारी यदुमनी सिदार ने कहा कि पुलिस को जांच रिपोर्ट नहीं मिली है, जिसके कारण एफआईआर होने में विलंब हो रहा है।