एकाग्रता और आत्म-शक्ति से होगा संपूर्ण विकास:
समर कैंप के दूसरे दिन ब्रह्माकुमारी रामेश्वरी दीदी ने बच्चों को सिखाई ध्यान की कला

भाटापारा समर कैंप के दूसरे दिन ब्रह्माकुमारी रामेश्वरी दीदी ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि “एकाग्रता के बिना जीवन में कोई भी कार्य सफलता की ओर नहीं ले जा सकता।” उन्होंने बताया कि आज के बच्चों में अगर बचपन से ही ध्यान और मन की एकाग्रता विकसित की जाए, तो वे जीवन की हर चुनौती को सहजता से पार कर सकते हैं।
सत्र के दौरान दीदी ने बच्चों के साथ संवाद करते हुए उन्हें दृश्य स्मृति पर केंद्रित एक गतिविधि करवाई, जिसमें बच्चों को कुछ चित्रों और घटनाओं को मन में याद रखने के लिए कहा गया। जब इनसे संबंधित प्रश्न पूछे गए तो अधिकांश बच्चों ने सटीक उत्तर दिए, जिससे यह प्रमाणित हुआ कि मन यदि रुचि और ध्यान से सोचता है तो स्मृति शक्ति चमत्कारी ढंग से कार्य करती है।
दीदी ने समझाया कि “मन की भाषा चित्र है, और यदि हम एक ही दिशा में सोचें तो दृश्य ज्यों का त्यों याद रहता है।” उन्होंने बच्चों को हर परिस्थिति में सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने की प्रेरणा दी और गहन मेडिटेशन अनुभूति के माध्यम से मन को शांत और केंद्रित करने की विधि सिखाई।
कार्यक्रम में ‘शक्ति’ के गुण की भी व्याख्या की गई। दीदी ने बताया कि जब हम आंतरिक रूप से शक्तिशाली बनते हैं, तो जीवन की बाधाएँ, विघ्न और निराशाएँ हमें रोक नहीं सकतीं, बल्कि वे हमारी प्रगति के साधन बन जाती हैं।
सत्र के अंतिम चरण में बच्चों के लिए विभिन्न मनोरंजक खेलों का आयोजन भी किया गया, जिससे बच्चों में उत्साह और ऊर्जा का संचार हुआ। बच्चों ने इन खेलों का भरपूर आनंद लिया।
समर कैंप का यह दिन बच्चों के मानसिक, भावनात्मक और आध्यात्मिक विकास की दिशा में एक प्रेरणादायक कदम रहा