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छत्तीसगढ़ः दिलीप सिंह जूदेव की प्रतिमा का 9 साल बाद अनावरण, मोहन भागवत करेंगे शिरकत

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छत्तीसगढ़. अपनी मूंछों को दाँव पर लगाकर छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार बनाने वाले भाजपा के कद्दावर नेता स्व. दिलीप सिंह जूदेव की जशपुर में लगी आदमकद प्रतिमा का अनावरण 14 नवंबर को आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत करेंगे, जिसके लिए तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. साल 2013 में तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की घोषणा के 9 साल बाद स्व दिलीप सिंह जूदेव की प्रतिमा का अनावरण किया जा रहा है. प्रतिमा अनावरण को लेकर काँग्रेस ने भाजपा पर जूदेव की उपेक्षा एवं उनके नाम पर राजनीति करने का आरोप लगाया है. वहीं, भाजपा इसे सिरे से खारिज कर रही है.

स्व. दिलीप सिंह जूदेव का निधन 14 अगस्त 2013 को हुआ था, जिसके कुछ दिनों बाद जशपुर के रणजीता स्टेडियम में सभा का आयोजन किया गया था, जिसमें तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने जशपुर और कुनकुरी में जूदेव की आदमकद प्रतिमा लगाने की घोषणा की थी.

कुनकुरी में आदमकद प्रतिमा सालों पहले बनकर तैयार हो गई, लेकिन जशपुर जिला मुख्यालय के रणजीता स्टेडियम के सामने बन रही प्रतिमा को बनने और अनावरण में 9 नौ साल गुजर गए. लगभग 3 साल पहले प्रतिमा बनकर लगभग तैयार है. पिछले साल 12 जनवरी को भी मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा प्रतिमा अनावरण की तारीख तय की गई थी, लेकिन यह तारीख भी टल गई.

अब 9 साल बाद 14 नवम्बर को जूदेव की प्रतिमा का अनावरण किया जा रहा है. सरसंघचालक मोहन भागवत 14 नवम्बर को जशपुर पहुंचेंगे और जूदेव की प्रतिमा का अनावरण करेंगे. इस दौरान प्रदेश के कई बड़े नेता भी जशपुर पहुंचेंगे. आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर भाजपा जूदेव की प्रतिमा के अनावरण के साथ जशपुर जिले में चुनावी बिगुल फूंकने की तैयारी में है, इसलिए इस कार्यक्रम के लिए भाजपा समेत उसके तमाम अनुसांगिक ने गाँव गाँव मे बैठकें की और इस कार्यक्रम में भीड़ जुटाने की तैयारी की गई है. जिले के प्रत्येक परिवार को हल्दी चावल देकर इस कार्यक्रम के लिए न्योता दिया गया है.स्व. दिलीप सिंह जूदेव ने 2003 विधानसभा चुनाव में अपनी मूंछों को दांव पर लगाकर छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार बनाई थी, लेकिन किसी कारणवश जूदेव मुख्यमंत्री नहीं बन पाए थे. 2003 से 15 सालों तक प्रदेश में भाजपा की सरकार रही. काँग्रेस नेताओं का कहना है कि 2018 तक जूदेव की प्रतिमा स्थल पर निर्माण कार्य फंड की कमी से रुका हुआ था. 2018 के सत्ता परिवर्तन के बाद जूदेव की प्रतिमा के लिए काँग्रेस सरकार ने तत्काल फंड उपलब्ध कराया, जिसके बाद इसका निर्माण पूरा हुआ है.