कुकदुर थाना क्षेत्र की अंधी हत्या की गुत्थी 4 माह बाद सुलझी, दो विधि से संघर्षरत बालक गिरफ्तार

कवर्धा। जिले के थाना कुकदुर अंतर्गत चार माह पूर्व हुए सफाईकर्मी की निर्मम हत्या के मामले को पुलिस ने सुलझा लिया है। विशेष जांच टीम (SIT) की सक्रियता और तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर दो विधि से संघर्षरत बालकों को गिरफ्तार कर न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।
हत्या की यह वारदात कब और कैसे हुई?
08 फरवरी की रात करीब 10:00 बजे, थाना कुकदुर को सूचना मिली कि एक अज्ञात व्यक्ति खून से लथपथ अवस्था में रोड किनारे पड़ा है। मौके पर पहुंची पुलिस टीम ने व्यक्ति को तत्काल कुकदुर अस्पताल पहुंचाया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया।
मृतक की पहचान सुरेश बघेल, उम्र 58 वर्ष, निवासी बाजार कुई के रूप में हुई, जो सफाईकर्मी था और बाजार में बने एक शेड में निवास करता था।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में स्पष्ट हुआ कि मृतक की लाठी-डंडे से पीट-पीटकर हत्या की गई थी। मामला गंभीर होने से थाना कुकदुर में अपराध क्रमांक 23/25 धारा 103(1) भारतीय न्याय संहिता (BNS) के तहत मामला दर्ज कर विवेचना प्रारंभ की गई।
हत्या की तह तक पहुंची पुलिस की विशेष जांच टीम
लगातार लंबित हत्या के मामलों के मद्देनज़र पुलिस अधीक्षक धर्मेन्द्र सिंह (भा.पु.से.) के मार्गदर्शन में एक विशेष टीम का गठन किया गया। टीम के नेतृत्व की जिम्मेदारी एसडीओपी पंडरिया भूपत सिंह धनेश्री को सौंपी गई थी।
जांच के दौरान सुराग मिला कि मृतक का 07 फरवरी को दो नाबालिगों से विवाद हुआ था, जिसमें मृतक ने कथित रूप से गाली-गलौच की थी। इसी के प्रतिशोध में दोनों बालकों ने हत्या की योजना बनाई।
पूछताछ में उन्होंने स्वीकार किया कि 08 फरवरी की रात, जब सुरेश बघेल बीड़ी लेकर लौट रहे थे, तो दोनों ने पुल के नीचे छिपकर उनके सिर, हाथ-पैर पर डंडे से हमला कर दिया, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई।
दोनों बालकों को विधि अनुसार न्यायालय में पेश किया गया
बालकों के स्वीकारोक्ति बयान के आधार पर विधिसम्मत कार्रवाई कर उन्हें माननीय किशोर न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। इस सफल अन्वेषण में विशेष जांच टीम के निरीक्षक संतोष मिश्रा, निरीक्षक कमलकांत शुक्ला, निरीक्षक आशीष कंसारी, थाना प्रभारी जे एल शांडिल्य, प्रधान आरक्षक वैभव सिंह कलचुरी, आरक्षक अमित ठाकुर, अजय तिवारी, ईश्वर चंद्रवंशी, गज्जू सिंह राजपूत और संदीप पाण्डेय का उल्लेखनीय योगदान रहा।